केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी, अब तक मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत बरामद हुए इतने हज़ार करोड़ की संपत्ति
सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब तक मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत कुल 98,000 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी है। हालांकि केंद्र सरकार ने यह भी स्वीकार किया है कि इस कानून के तहत सजा मिलने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। जस्टिस एएम खानविलकर, डी माहेश्वरी और सीटी रवि कुमार की बेंच को सरकार ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय की सक्रियता के चलते बैंकों को बड़े पैमाने पर उनकी डूबी हुई रकम वापस मिल पाई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, ‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के भाग 5 के तहत अब तक कुल 98000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।’
उन्होंने आगे कहा कि अथॉरिटीज की ओर से जब्त की गई संपत्ति में से कुल 55,899 करोड़ रुपये की रकम को कन्फर्म किया जा चुका है कि इन्हें गड़बड़ी से अर्जित किया गया था। इसके अलावा बड़ी रकम ऐसी भी है, जिसके बारे में फिलहाल जांच की जा रही है। अब तक मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत की गई कार्रवाई के खिलाफ 242 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। इन लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया गया है। तुषार मेहता ने कहा कि यह कानून 2005 में आया था, लेकिन इसके तहत शिकायतें दर्ज होने की शुरुआत 2012-13 में हुई थी।
इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत अब तक कुल 930 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, मगर अब तक सिर्फ 21 लोग ही दोषी करार दिए गए हैं। गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत हाल ही में ईडी ने एनसीपी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को भी गिरफ्तार किया है। इसके बाद से ही एनसीपी और शिवसेना लगातार भाजपा पर हमला बोल रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है और राजनीतिक विरोधियों को शांत करवाने के लिए भाजपा द्वारा उन पर छापे डलवाए जा रहे हैं।