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आयकर विभाग ने मुंबई में छापामारी की

आयकर विभाग ने फरवरी 25 को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के एक प्रसिद्ध व्यक्ति और उनके नजदीकी सहयोगियों के अनुबंधों को कार्यान्वित करने वाले कुछ ठेकेदारों के खिलाफ छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। मुंबई के 35 से अधिक परिसरों को इस छापामारी के दायरे में लिया गया।

इस तलाशी अभियान के दौरान कई दोषी साबित करने योग्य दस्तावेज, लूज शीट और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं और इन्हें जब्त किया गया है। इसमें जब्त किए गए साक्ष्य मजबूती से इन ठेकेदारों और उक्त व्यक्ति के बीच घनिष्ठ संबंध की ओर संकेत करते हैं। छापामारी में लगभग 3 दर्जन अचल संपत्तियों के विवरण प्राप्त हुए हैं। इनकी कीमत 130 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। इसमें उनके या उनके सहयोगियों या बेनामीदारों के नाम पर अर्जित संपत्तियां शामिल हैं।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन में उनकी संलिप्तता और गलत तरीके से अर्जित धन को कुछ विदेशी अधिकार क्षेत्रों में भेजने के साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं। बेहिसाब नकद प्राप्तियों और कई करोड़ के भुगतान के विवरण वाली लूज शीट और एक्सेल फाइलें भी पाई गईं हैं और उन्हें जब्त किया गया है, जिन्हें नियमित लेखा-बही (बुक्स ऑफ अकाउंट) में दर्ज नहीं किया गया है।

वहीं, ठेकेदारों के मामले में जब्त किए गए दस्तावेजों से उनके द्वारा कर योग्य आय को बड़े पैमाने पर छिपाने के लिए खर्चों को बढ़ाकर दिखाने की अपनाई गई कार्यप्रणाली का पता चलता है। इस उद्देश्य के लिए प्रमुख साधन के रूप में संस्थानों के गोरखधंधे के जरिए और गैर-वास्तविक खर्चों का दावा करके उप-अनुबंध खर्चों के अधिक इनवॉइस बनाए गए हैं।

कुछ घटनाओं से पता चलता है कि इन संस्थाओं से नकदी निकाल ली गई है और इसका उपयोग अनुबंध देने के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया है। साथ ही इसका उपयोग संपत्तियों में निवेश के लिए बेहिसाब भुगतान करने के लिए भी किया गया है। शुरुआती जांच में इसके संकेत मिलते हैं कि इन ठेकेदारों ने उपरोक्त भ्रष्टाचार करके 200 करोड़ रुपये तक की आय की चोरी की है।

इस तलाशी अभियान के दौरान अब तक 2 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 1.5 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए हैं। आगे की जांच जारी है।