Stock Market: शेयर बाजार में लगातार गिरावट, सेंसेक्स 1650 निफ्टी 450 अंक तक गिरा
भारतीय शेयर बाजार में रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है। वहीं एशियाई शेयर बाजारों में भारी बिकवाली और कच्चे तेल के दामों में रिकॉर्ड उछाल के चलते मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में बड़ी गिरावट देखी जा रही है।
सेंसेक्स गिरावट के चलते 53,000 अंकों के नीचे जा फिसला है तो निफ्टी 16,000 अंकों के नीचे जा फिसला है. सुबह सेंसेक्स में 1200 और निफ्टी में करीब 350 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है।
फिलहाल सेंसेक्स 1429 अंक यानि 2.71 फीसदी गिरकर 52,904 तो निफ्टी 421 अंक गिरकर 15,823 अंकों पर ट्रेड कर रहा है। निफ्टी बैंक में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं तो निफ्टी के 50 शेयरों में 46 गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहा है तो चार शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं।
Equity benchmarks #Sensex and #Nifty tumbled nearly 3% in opening trade on March 7 tracking weak global markets and elevated oil prices amid the #Russia–#Ukraine conflicthttps://t.co/6GCESBDsNE
— The Hindu Business (@thehindubiz) March 7, 2022
हिंडाल्को 2.67 फीसदी की तेजी के साथ 599 रुपये पर, कोल इंडिया 1.93 फीसदी की तेजी के साथ 184 रुपये पर, ओएनजीसी 1.72 फीसदी की तेजी के साथ 168 रुपये पर तो टाटा स्टील 1.61 फीसदी की तेजी के साथ 1297 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
गिरने वाले शेयर्स
मारुति सुजुकी 6.27 फीसदी, बजाज फाइनैंस 5.42, आईसीआईसीआई बैंक 5.14 फीसदी, लार्सन 4.70 फीसदी टाटा मोटर्स 4.05 फीसदी, एक्सिस बैंक 3.97 फीसदी, बजाज फिनसर्व 3.92 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
एसचीएक्स निफ्टी 458 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. रुस यूक्रेन युद्ध के चलते चलते शेयर बाजार में साफतौर पर घबराहट नजर आ रही है। निकेई 225 819 अंक गिरकर ट्रेड कर रहा है तो हैंगसेंग 768 अंक, ताईवान का इंडेक्स 3.15 फीसदी गिरकर यानि 560 अंक गिरकर ट्रेड कर रहा है। शंघाई का इंडेक्स भी 1.45 फीसदी गिरकर ट्रेड कर रहा है।
कच्चे तेल के दामों में आई रिकॉर्ड उछाल के चलते भी शेयर बाजारों में भारी गिरावट है। कच्चा तेल 140 ड़ॉलर प्रति बैरल के करीब जा पहुंचा है जो 2008 के बाद से इसका उच्चतम स्तर है। माना जा रहा है कमोडिटी के बढ़ते दामों के चलते महंगाई बढ़ेगी जिसकी चिंता शेयर बाजार में देखी जा रही है साथ ही कंपनियों की लागत भी इसके चलते बढ़ेगी।