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कैबिनेट ने अतिरिक्त भूमि मुद्रीकरण के लिए राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम को एक विशेष उद्देश्य कंपनी (एसपीवी) के रूप में गठित करने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) को केन्द्र सरकार के पूर्ण स्वामित्व में गठित करने की मंजूरी दी है, जिसकी प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी। एनएलएमसी केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के स्वामित्व की अतिरिक्त भूमि और भवनों का मुद्रीकरण करेगी। यह प्रस्ताव बजट 2021-22 की घोषणाओं के अनुरूप है।

गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के माध्यम से उपयोग में नहीं या आंशिक उपयोग वाली परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करके सरकार राजस्व प्राप्त करेगी।

वर्तमान में, सीपीएसई के पास बड़ी मात्रा में उपयोग में नहीं या आंशिक उपयोग वाली भूमि और परिसंपत्तियां मौजूद हैं। ऐसे सीपीएसई जो रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया में हैं या बंद होने के कगार पर हैं, इन अतिरिक्त भूमि और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण उनके मूल्य निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

एनएलएमसी इन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगा और इस प्रक्रिया का समर्थन करेगा। आंशिक उपयोग वाली इन परिसंपत्तियों के उत्पादन आधारित उपयोग से निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और आर्थिक व सामाजिक अवसंरचना के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त होंगे।

एनएलएमसी, बंद हो चुके सीपीएसई तथा सरकार की स्वामित्व वाले सीपीएसई जो रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया में हैं, की अतिरिक्त भूमि और भवन परिसंपत्तियों का स्वामित्व प्राप्त करेगा, प्रबंधन करेगा और मुद्रीकरण करेगा। इससे सीपीएसई को बंद करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी तथा सरकार की स्वामित्व वाले सीपीएसई के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

इन परिसंपत्तियों को एनएलएमसी के स्वामित्व में हस्तांतरित किया जा सकता है जो इनका प्रबंधन और मुद्रीकरण करने में सक्षम होगा। एनएलएमसी अन्य सरकारी कंपनियो (सीपीएसई समेत) को परामर्श व समर्थन प्रदान करेगा ताकि वे अपनी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की दक्षता के साथ पहचान कर सकें, उनका मुद्रीकरण कर सकें और अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकें। इन मामलों में सीपीएसई जो रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया में हैं या रणनीतिक विनिवेश की सूची में हैं। एनएलएमसी अतिरिक्त भूमि मुद्रीकरण का कार्य एक एजेंसी के रूप में करेगा। उम्मीद है कि एनएलएमसी भूमि मुद्रीकरण के बेहतर तौर-तरीकों को अपनाते हुए कार्य करेगा तथा परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम को लागू करने में सरकार की सहायता करने के साथ तकनीकी परामर्श भी देगा।

सीपीएसई और अन्य सरकारी एजेंसियों के बदले में कार्य करते हुए एनएलएमसी भूमि परिसंपत्तियों का प्रबंधन और मुद्रीकरण करेगा और इस कार्य के लिए निगम के पास आवश्यक तकनीकी दक्षता भी होगी। एनएलएमसी के निदेशक मंडल में केन्द्र सरकार के अधिकारी और प्रमुख विशेषज्ञ होंगे जो कंपनी का बेहतर तरीके से परिचालन एवं प्रबंधन करेंगे। एनएलएमसी के अध्यक्ष और गैर-सरकारी निदेशकों की नियुक्ति मेधा आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी।

रियल एस्टेट बाजार में परिसंपत्ति मुद्रीकरण के लिए विशेष कार्यकुशलता और उद्यमिता की आवश्यकता होती है तथा इसके अंतर्गत शोध, कानूनी जांच, मूल्य निर्धारण, मास्टर योजना तैयार करना, निवेश बैंकिंग, भूमि प्रबंधन आदि आते हैं। यह तय किया गया है कि निजी क्षेत्रों तथा राष्ट्रीय विनिवेश अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) और इन्वेस्ट इंडिया जैसी सरकारी कंपनियों से विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा।

एनएलएमसी पूर्णकालिक कर्मियों की संख्या के हिसाब से एक छोटा संगठन होगा और कर्मियों का सीधा चयन संविदा आधार पर किया जाएगा। एनएलएमसी बोर्ड को यह सुविधा होगी कि वह निजी क्षेत्र के अनुभवी विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकें, भुगतान कर सके और लंबी अवधि तक उनकी सेवाएं प्राप्त कर सकें।

वित्त मंत्रालय का लोक उद्यम विभाग कंपनी का गठन करेगा और इसके लिए प्रशासनिक मंत्रालय के रूप में कार्य करेगा।