NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
सत्ता से दूर रहेंगे अखिलेश यादव, मगर समाजवादी पार्टी के लिए खुशी की 3 वजहें

यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने वापसी कर ली है। दोपहर तक हुई गणना के अनुसार सपा के मुकाबले भाजपा ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। दोपहर 1 बजे तक भाजपा 272 सीटों पर आगे है वही सपा ने महज 125 सीटों पर बढ़त हासिल की है। अखिलेश यादव ने महंगाई, बेरोजगारी, छुट्टा जानवरों की समस्या जैसे मुद्दों को उठाकर सीएम योगी आदित्यनाथ से सत्ता छीनने की पूरी कोशिश की, मगर वह नाकामयाब रहे। हालांकि, इस हार में भी सपा के लिए खुशी के कुछ वजहें हैं।

1. वोट शेयर में बड़ा इजाफा
समाजावादी पार्टी के जनाधार में साल 2017 के मुकाबले बड़ा इजाफा देखने को मिला है। पांच वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी को 21.8 फीसदी वोट शेयर मिला था, मगर इस बार सपा के वोटर शेयर में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस बार सपा को तक़रीबन 32 फीसदी वोट शेयर मिला है। सपा को भले ही अभी सत्ता हासिल नहीं हुई हो मगर जनाधार का बढ़ना उसके लिए अच्छे संकेत जरूर माने जा रहे है।

2. दोगुनी से ज्यादा सीटें
साल 2017 में समाजवादी पार्टी सपा गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और दोनों दल मिल कर 47 सीटों पर ही सिमट गए थे। मगर इस बार सपा के लिए रालोद, सुभासपा, अपना दल (कमेरावादी) जैसे दलों के साथ गठबंधन करना बेहतर साबित हुआ है। दोपहर 1 बजे तक सपा 125 सीटों पर आगे चल रही है। सीटों के मामलो में सपा के प्रदर्शन में काफी अच्छा सुधार हुआ है।

3. कार्यकर्ताओं का बढ़ेगा मनोबल
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को लगातार चौथी हार मिली है। पार्टी को साल 2014 लोकसभा चुनाव, साल 2017 विधानसभा चुनाव, साल 2019 लोकसभा चुनाव और अब साल 2022 में विधानसभा में हार का सामना करना पड़ रहा है। मगर बढ़े हुए वोट शेयर और सीटों के साथ पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के गिरे हुए मनोबल को उठा सकती है।