NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
केंद्र सरकार ने दिया बड़ा झटका, पीएफ की ब्याज दर घटाकर 8.5 से 8.1 प्रतिशत किया

केंद्र सरकार ने आम लोगों को बड़ा झटका दिया है और EPF पर ब्याज दर बढ़ाने की बजाय इसे 8.50 से घटाकर 8.10 कर दिया है. केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने शनिवार को हुई अपनी बैठक में 2021-22 के लिए ईपीएफ की ब्याज दरें निर्धारित की हैं और इसे 8.5 से घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया है।

ब्याज दर आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित की जाएगी जिसके बाद क.भ.नि.सं. अपने अंशदाताओं के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।

निवेश के प्रति रूढ़िवादी दृष्टिकोण के बावजूद, क.भ.नि.सं.ने पिछले कई वर्षों में लगातार उच्च रिटर्न किया है, जिसने इसे न्यूनतम क्रेडिट जोखिम के साथ विभिन्न इकोनॉमिक साइकिल्स के माध्यम से अपने अंशदाताओं को उच्च ब्याज देने में सक्षम बनाया है ।

परंपरागत रूप से, क.भ.नि.सं.पिछले कई दशकों से लंबी अवधि की उच्च अनुवर्ती प्रतिभूतियों में निवेश करने की अपनी विवेकपूर्ण निवेश नीति के कारण अन्य उपलब्ध निवेश विकल्पों की तुलना में सेवानिवृत्ति बचत पर उच्च ब्याज दर देने में सक्षम रहा है। इसने यह सुनिश्चित किया है कि क.भ.नि.सं.के निवेश पर रिटर्न तब भी अधिक है, जब पिछले एक दशक में प्रतिफल में लगातार गिरावट आ रही है।

वित्तीय वर्ष 2022 के लिए, क.भ.नि.सं.ने इक्विटी में अपने कुछ निवेश को समाप्त करने का निर्णय लिया और अनुशंसित ब्याज दर, ऋण निवेश से प्राप्त ब्याज के साथ-साथ इक्विटी निवेश से प्राप्त आय से संयुक्त आय का परिणाम है। इसने क.भ.नि.सं.को अपने ग्राहकों को अधिक रिटर्न प्रदान करने में सक्षम बनाया है और फिर भी क.भ.नि.सं.को अधिशेष के साथ भविष्य में भी उच्च रिटर्न प्रदान करने के लिए एक कुशन के रूप में कार्य करने की अनुमति दी। इस आय वितरण के कारण ईपीएफओ कॉर्पस पर कोई अधिक निकासी नहीं है।

कर छूट के साथ सीबीटी द्वारा हर साल घोषित क.भ.नि.सं.का आश्वासित निश्चित रिटर्न दृष्टिकोण भ.नि.सदस्यों के लिए एक आकर्षक बचत विकल्प बनाता है।