चीनी विश्वविद्यालयों से मेडिकल कर रहे भारतीय छात्र प्रदर्शन पर उतरे, केंद्र सरकार से रखी यह मांग; जाने पूरी खबर
केरल सचिवालय के बाहर चीन के विश्वविद्यालयों में MBBS की पढ़ाई कर रहे कई भारतीय छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। ये सभी छात्र भारत में अपनी फिजिकल ट्रेनिंग को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स पेरेंट्स एसोसिएशन (FMGPA) के बैनर तले किया गया, जो कि विदेशों में मेडिकल की पढाई कर रहे छात्रों के माता-पिता का एक संघ है।
ये मेडिकल छात्र कोरोना महामारी फैलने के बाद भारत लौटने के लिए मजबूर हो गए, तब से वह चीन लौट नहीं सके हैं। इस दौरान इन छात्रों ने अपनी फिजिकल ट्रेनिंग राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में जारी रखी। चीनी अधिकारियों से वीजा की मुहैया नहीं कराए जाने की वजह से इन भारतीय छात्रों ने ऑनलाइन क्लास ली और अपना सिलेबस खत्म किया।
Several Indian students pursuing MBBS in Chinese universities staged a protest outside the Kerala secretariat on Saturday seeking recognition of their physical training in India.#medicalstudentsinChina #medicalstudentsprotestKeralahttps://t.co/oLbS0fHGch
— Deccan Chronicle (@DeccanChronicle) March 20, 2022
‘ऑनलाइन क्लास को मान्यता मिलेगी या नहीं’
यंग्जहौ विश्वविद्यालय में पढ़ रहे चौथे साल के मेडिकल छात्र मुर्शिद एलेन ने कहा कि, “जनवरी 2020 में हमें चीन से वापस भारत आने के लिए मजबूर किया गया था। हमें ऑनलाइन क्लास करते हुए दो साल से भी ज्यादा हो गए हैं। हमें नहीं पता कि इन ऑनलाइन क्लास के बल पर भारत सरकार हमें स्वीकार करेगी या नहीं। हममें से ज्यादातर छात्र केरल के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रैक्टिकल भी कर रहे हैं, मगर मान्यता प्राप्त नहीं है।”
‘सरकार से हमें सर्टिफिकेट की जरूरत’
छात्र अपने शिक्षा पूरी करने और कर्ज चुकाने के बारे में चिंतित है। छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन पोर्टल (CPGRAMS) के जरिए उन्होंने केंद्र सरकार को अपनी समस्याओं के बारे में बताया है। एक छात्र ने कहा कि, “हम सभी असहाय हैं। हमें सरकार की ओर से एक प्रमाण पत्र की आवश्यकता है कि हम एक निश्चित समय के लिए अस्पतालों में जा रहे हैं और हम कुछ ही विभागों के साथ काम कर पा रहे हैं।”