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बीरभूम हिंसाः मोटरसाइकल पर Petrol के कैन लेकर आए थे हमलावर, गांव के रास्‍तों को कर दिया था बंद; ग्रामीण का दावा

बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में 9 लोगों की निर्मम हत्या के बाद तनाव का माहौल है। वहीं गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया है कि कुछ मोटरसाइकल सवारों ने घटना वाली रात गांव में आने जाने का रास्ता बंद कर दिया। वे कैन में पेट्रोल भरकर गांव पहुंचे थे। अमजद नाम के व्यक्ति ने कहा कि ये मोटरसाइकल सवार तब तक वहीं मौजूद रहे जबतक घर जलकर पूरी तरह राख नहीं हो गया और सात लोगों की मौत नहीं हो गई।

अमजद ने कहा कि, गांव के लोग अपने घर छोड़कर भाग रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं दोबारा से हमला न हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास पांच गाय हैं। वे उन्हे लेकर कहां जायेंगे? मेरी नौकरी भी लॉकडाउन में चली गई थी। तब से दूध बेचकर ही घर का खर्च चला रहा हूं।

सोनाई के घऱ के समीप रहने वाली मरजीना बीबी ने कहा कि “जब मैं अस्पताल से घऱ लौटीं तो देखा कि मेरा घर जल रहा है और आग तेजी से फैल रही है।” उन्होंने अंदर से लोगो की चिलाने की आवाज सुनी। उन्होंने कहा कि “मुझे पता है कि सोनाइ और भादू के बीच में पुरानी रंजिस थी मगर दोनों का अंत इस प्रकार होगा, यह अंदाजा भी नहीं था।

पुलिस ने लगाए सीसीटीवी कैमरे
पुलिस ने रामपुरहाट में हिंसा और तनाव के माहौल को देखते हुए 24 घंटे निगरानी रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 23 मार्च को सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया था। इसी बीच गृह मंत्रालय ने भी मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है।