केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने भी माना, भारत के इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम पर थी चीनी हैकरों की नज़र, बताया कैसे बचे

पूर्व लद्दाख के इलाकों में जारी सीमा विवाद के बीच चीन अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन हैकरों ने गुरुवार को लद्दाख के आसपास के इलाकों में पॉवर ग्रिड के इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम यानी बिजली वितरण केंद्रों को हैक करने की कोशिश की। केंद्र सरकार की ओर से भी इस बात की पुष्टि की गई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि चीन के हैकरों द्वारा लद्दाख के आस पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए मगर सफल नहीं हुए।

आरके सिंह ने आगे कहा कि इस प्रकार के साइबर हमलों से बचने के लिए हमने अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही मजबूत कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है जब हैकिंग की कोशिश की गई है। इससे पहले जनवरी और फरवरी के महीने में भी इस प्रकार के प्रयास हुए थे। हमने साल 2018 में ही अपने साइबर सिक्योरिटी को काफी मजबूत किया है। इस प्रकार की कोशिश सफल नहीं होगी।

वहीं, अमेरिका के एक साइबर सिक्योरिटी ग्रुप ने इस बात का दावा किया है कि एक बड़े साइबर जासूसी अभियान के तहत, चीनी सरकार से जुड़े साइबर संगठनों ने उत्तर भारत में कम से कम साथ भारतीय स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDCs) को अपना निशाना बनाया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका स्थित रिकॉर्डेड फ्यूचर ग्रुप ने कहा है कि उत्तर भारत में रियल टाइम ऑपरेशन के जरिए ये स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर बिजली कंट्रोल और डिस्पैच में अहम भूमिका निभाते हैं।

रिसर्चरों की टीम ने कहा है कि भौगोलिक रूप से हैकरों ने उत्तर भारत के उन इलाकों को अपना निशाना बनाया था जो कि लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीम के आसपास के इलाके हैं।