देवघर रोपवे हादसाः तीन लोगों की मौत पर एयरफोर्स ने जताया दुख, बताई क्या थी मजबूरी
झारखंड के देवघर में हुए दर्दनाक हादसे में रोपवे में फसे लोगों को निकालने के लिए चला ऑपरेशन अब समाप्त हो गया है। लगभग 40 घंटे तक चले इस मुश्किल और लंबे ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों की मौत भी हो गई। इस हादसे की वजह से रोपवे में फसे लोगों की सांसें अटक गईं। वे जीवन और मौत के बीच फंसे हुए थे। इस हादसे में तीन लोगों की मौत भी हो गई जिसपर भारतीय वायु सेना ने दुख भी जताया है।
भारतीय वायु सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि ऑपरेशन के दौरान लोगों की जान जाने का हमें गहरा अफसोस है। हमने लोगों को बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाया है। हवा की ऐसी स्थिति में कंट्रोल रखने की जरूरत होती है। हर ट्रॉली पर पांच गरुड़ कमांडो चढ़ाया गया और सभी पर्यटकों को अलग-अलग बांधकर निकाला गया।
आगे उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान जिन तीन लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग तो रेस्क्यू के दौरान ही करीब 1,500 फीट की ऊंचाई से गिर गए थे। वहीं एक तीसरा शख्स बंगाल का था, जो हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू के दौरान नीचे जा गिरा। हादसे के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों को इस बचाव अभियान में तैनात किया गया था जोकि मंगलवार को दोपहर तक चला। हादसे में फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाने-पीने की चीजें दी गई थीं।
आपको बता दें कि यह हादसा रविवार को देवघर के त्रिकूट में उस वक़्त हुआ जब रोपवे पर दो केबल कार आपस में टकरा गई थीं जिससे रोपवे का संचालन ही पूरी तरह से ठप हो गया और 70 लोग फंस गए।