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वर्ष 2024 तक हर घर में नल का जल मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर भारत: जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने देश में जल से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए आज वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और भूजल पर निर्भरता कम करने की वकालत की।

मुंबई में ’इंडिया वाटर विजन 2040 एंड बियॉण्ड’ नाम से आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए, श्री शेखावत ने कहा कि भारत में पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता घटती जा रही है और भारत जल्द ही पानी की कमी वाला देश बन सकता है। उन्होंने कहा कि करीब 50 साल पहले भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 5,000 घन मीटर हुआ करती थी। बढ़ती आबादी और पानी के उपयोग के कारण यह घटकर 1,500 घन मीटर रह गई है।

शेखावत ने आगे कहा कि भौगोलिक विविधता और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण जल संबंधी चिंता को लेकर भारत की चुनौतियां और अधिक जटिल हो गई हैं। उन्होंने कहा, “भारत एक विकासशील देश है और आने वाले वर्षों में पानी की मांग और बढ़ने वाली है।’’

वर्षा जल संचयन की वकालत करते हुए शेखावत ने कहा कि हमारे देश में औसत वार्षिक वर्षा 1184 मिमी होती है। उन्होंने कहा, “लगभग 4,000 अरब घन मीटर पानी सालाना बारिश से मिलता है और हार्वेस्ट करने योग्य घटक लगभग 2000 अरब घन मीटर है। सतह पर हमारी कुल जल धारण क्षमता 300 अरब घन मीटर से कम है। उन्होंने कहा कि यह चुनौती अपने साथ वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण का बड़ा अवसर लेकर आई है।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, भारत भूजल की सबसे ज्यादा खपत करने वाले देशों में शामिल है और हमें इस संसाधन पर अपनी निर्भरता कम करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हमारे देश में हर संभव तरीके से पानी के पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

2024 तक हर घर जल

जल जीवन मिशन के बारे में बताते हुए, शेखावत ने कहा भारत 2024 तक देश के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के अपने लक्ष्य को निश्चित रूप से हासिल कर लेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा, तेलंगाना और गोवा सहित कई राज्यों ने शतप्रतिशत लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है। जल शक्ति मंत्री ने आगे बताया कि 2019 में जहां 16.5 फीसदी घरों में नल का पानी आता था, वहां अब यह आंकड़ा बढ़कर 50 फीसदी हो गया है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी सरपंचों से पानी संबंधी मसलों पर चर्चा के लिए ग्राम सभा आयोजित करने की अपील की है। मंत्री ने आगे बताया कि देश के 250 जिलों को पानी की कमी वाले जिलों के रूप में चिन्हित किया गया है और इन जिलों में पारंपरिक जल संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है।

शेखावत ने कहा कि पिछले दो वर्षों में देश के 700 जिलों में 2 लाख से अधिक जल संरक्षण कार्य किए गए हैं और 65,000 करोड़ रुपये जल संरक्षण पर खर्च किए गए हैं।

सम्मेलन में गजेंद्र सिंह शेखावत ने सफल सिंचाई परियोजनाओं पर ’वाटर वारियर्स’ नामक पुस्तिका का विमोचन किया। जल संरक्षण कार्यक्रमों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मा फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक डॉ. विजय पेज, विधायक अमरीश पटेल, विधायक आशीष शेलार मौजूद थे।