EPFO ने फरवरी में जोड़े 14.12 लाख नए सदस्य
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने फरवरी, 2022 में 14.12 लाख अंशधारक जोड़े हैं. यह फरवरी, 2021 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले सदस्यों की 12.37 लाख की संख्या से 14 फीसदी ज्यादा है। श्रम मंत्रालय ने बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है। फरवरी 2022 के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, अंशधारकों की संख्या में 14.12 लाख का इजाफा हुआ है।
अक्टूबर 2021 से नए ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जो संगठन द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में विश्वास प्रदर्शित करता है।
महीने के दौरान बनाए गए कुल 14.12 लाख नए ग्राहकों में से, लगभग 8.41 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा कवर के तहत नामांकित किया गया है। लगभग 5.71 लाख ग्राहक ईपीएफ के कवर से बाहर हो गए, किंतु अंतिम निकासी के लिए दावा करने के बजाय, पिछले पीएफ खाते से अपनी संचित धनराशि को वर्तमान पीएफ खाते में स्थानांतरित करके ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए।
पेरोल डेटा के आयु-वार विवरण से पता चलता है कि फरवरी 2022 के दौरान 22-25 वर्ष आयु- वर्ग के सबसे अधिक 3.70 लाख नए ग्राहक बने, इसके बाद 2.98 नए ग्राहकों के साथ 29-35 वर्ष के आयु- वर्ग का दूसरा स्थान है। संक्षेप में, महीने के दौरान 18-25 वर्ष आयु- वर्ग के नए ग्राहकों की संख्या माह के दौरान बनाए गए कुल ग्राहकों का 45 प्रतिशत है। यह आयु-वर्ग इस बात का संकेत करता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले कई लोग बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं।
पूरे भारत में पेरोल के आंकड़ों के विवरण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में शामिल प्रतिष्ठान महीने के दौरान लगभग 9.52 लाख नए ग्राहकों को जोड़कर अग्रणी हैं, जो सभी आयु वर्गो में कुल नए पेरोल वृद्धि का लगभग 67.49 प्रतिशत है।
महिला-पुरुष आधारित विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि माह के दौरान लगभग 3.10 लाख महिलाओं को नए तौर पर ग्राहक बनाया गया। फरवरी 2022 के दौरान ग्राहक बनाई गई महिलाओं की संख्या महीने के दौरान बनाए गए कुल नए ग्राहकों की तुलना में 21.95 प्रतिशत है, जो जनवरी 2022 की तुलना में कुल 22,402 नए ग्राहक की वृद्धि के साथ है। इसका मुख्य कारण कम संख्या में महिलाओं का इसके कवर से बाहर निकलना और अधिक संख्या में नए तौर पर ग्राहक के रूप में शामिल होना है। साथ ही, अक्टूबर 2021 के बाद से महिला ग्राहकों की कुल संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जो कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
उद्योग-वार पेरोल डेटा के विवरण से यह संकेत मिलता है कि महीने के दौरान मुख्य रूप से दो श्रेणियों, अर्थात ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (मानवशक्ति एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि) और ‘व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान’ की हिस्सेदारी कुल नए ग्राहकों की तुलना में 47.28 प्रतिशत है। इसके अलावा, ‘इंजीनियरिंग ठेकेदार’, ‘ऑटोमोबाइल सर्विसिंग’, ‘बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन’ आदि जैसे क्षेत्रों में नए पेरोल में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है।
पेरोल डेटा अनंतिम है क्योंकि डेटा निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, क्योंकि कर्मचारी रिकॉर्ड को अद्यतन रूप प्रदान करना भी एक निरंतर चलने वाला कार्य है। इसलिए पिछले आंकड़े को हर महीने अद्यतन रूप दिया जाता है। अप्रैल-2018 के महीने से, ईपीएफओ सितंबर 2017 की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है।
ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है, जो ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के कानून के तहत शामिल किए गए संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है। मोबाइल और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के वर्तमान परिदृश्य में, ईपीएफओ ने मोबाइल गवर्नेंस के माध्यम से अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। आजकल सोशल मीडिया के व्यापक इस्तेमाल के साथ, ईपीएफओ ग्राहकों की मदद करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए ट्विटर, व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी उपलब्ध है।