नीति आयोग का ‘अभिनव कृषि‘ को लेकर बड़ा फैंसला
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत नीति आयोग 25 अप्रैल, 2022 को ‘अभिनव कृषि’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और परषोत्तम रूपाला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, आयोग के सदस्य (कृषि) डॉ. रमेश चंद और सीईओ अमिताभ कांत कार्यशाला को संबोधित करेंगे।
कार्यशाला में भारत और विदेशों से अभिनव कृषि और प्राकृतिक कृषि कार्यप्रणाली के क्षेत्र में काम करने वाले हितधारकों को एक साथ लाने की उम्मीद है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, मृदा स्वास्थ्य परावर्तन और जलवायु परिवर्तन में कमी लाने में इसकी भूमिका से संबंधित प्रमुख क्षेत्रों में चर्चा की जाएगी।
प्राकृतिक कृषि पद्धतियां ज्यादातर खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा समर्थित कृषि पारिस्थितिकी के सिद्धांतों के अनुरूप हैं। यह रसायनिक कृषि के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए किसानों की आजीविका में सुधार को लेकर व्यावहारिक समाधान देता है।
इसको लेकर विभिन्न अवसरों पर माननीय प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया है। हाल ही में 16 दिसंबर 2021 को प्राकृतिक खेती पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान
उन्होंने आग्रह किया कि प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन में बदला जाए। 2022-23 के बजट में भी पूरे देश में रसायनिक प्रभावों से मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की गई थी, जिसकी शुरुआत गंगा से सटे 5 किमी की चौड़ाई में फैले खेतों से हुई थी।