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हम स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम के दो महत्वपूर्ण पहलुओं, ‘हील इन इंडिया और हील बाई इंडिया’ के लिए प्रतिबद्ध हैं: डॉ. मनसुख मंडाविया

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया ने फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र 2022 विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन 25 से 27 अप्रैल तक चलेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व और अथक प्रयासों के कारण भारत में स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सस्ती और सुलभ हो रही है। सरकार देश में डॉक्टरों, चिकित्सा संस्थानों, अस्पताल सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, तृतीयक देखभाल केंद्रों, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, “भारत औषधि और भारत चिकित्सा उपकरण 2022 जैसे सम्मेलन उद्योग, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं को इस क्षेत्र में अगले 25 वर्षों के लिए विचार-मंथन और योजना का मसौदा तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने आह्वान किया कि हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में युवाओं की ऊर्जा और मस्तिष्क शक्ति को दिशा दी गई है। यह हमारे देश का युवा है जो भविष्य में भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा और इसलिए हमें उद्योग-विद्यार्थी सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। यह न केवल हमारे युवाओं की रोजगार क्षमता सुनिश्चित करेगा बल्कि उद्योग को कुशल जनशक्ति भी प्रदान करेगा। इन दिनों हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमें ‘संकल्प से सिद्धि’ का भरोसा देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम एक बड़े भविष्य के लिए एक कार्य योजना बनाएं और ऐसे लक्ष्य निर्धारित करें जो राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करें।

कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सफलता सुनिश्चित करने के लिए देश के फार्मा उद्योग को बधाई देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से भारत ने कोविड महामारी का प्रबंधन किया है वह एक वैश्विक अध्ययन का विषय है। विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को चलाने के लिए आज पूरा विश्व समुदाय भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर रहा है। देश में अब तक 187 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाए जा चुके हैं जो एक सराहनीय उपलब्धि है। जब स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की बात आती है, तो किसी को न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए सोचना चाहिए। ‘सेवा’ का भाव हमेशा पहले आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सोच का दृष्टिकोण सांकेतिक नहीं बल्कि समग्रता का है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हम एक नए भारत का उदय देख रहे हैं और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि फार्मा क्षेत्र भी इस विकास का हिस्सा बने। उन्होंने कहा, “हम स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम के दो महत्वपूर्ण पहलुओं – हील इन इंडिया और हील बाई इंडिया” के लिए प्रतिबद्ध हैं।