उत्तर प्रदेश सरकार से एक बार फिर बुलडोजर चलाने की मांग !
आज शिक्षा के नाम पर मोटी कमाई करना एक आम बात हो गई है।शिक्षा माफियों कि वजह से लोग परेशान हैं। हर वर्ष बढ़ते फीस अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है, और इसी वजह से अभिभावक अब सड़क पर उतर आएं हैं। दरअसल नोएडा में निजी स्कूलों द्वारा कथित तौर पर मनमाने तरीके से की गई फीस वृद्धि के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में कई अभिभावकों ने ‘बुलडोजर’ पर सवार होकर रविवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से ‘शिक्षा माफिया’ पर बुलडोजर चलाने की मांग की। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल परिवहन के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं और एनसीईआरटी की अपेक्षाकृत सस्ती किताबों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं।
जेसीबी लेकर सड़क पर उतरे अभिभावक
शिक्षा माफियों से परेशान अभिभावकों ने ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन नेफोवा और एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन के बैनर तले किया गया। प्रदर्शन के दौरान अभिभावक जेसीबी (बुलडोजर) लेकर सड़क पर उतरे। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, ‘हम लोगों ने स्कूल फीस वृद्धि को लेकर दो हफ्ते पहले बूट पॉलिश करके सांकेतिक प्रदर्शन किया था। उसके बाद जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है।’
महंगाई की मार से परेशान हैं अभिभावक
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई की मार से अभिभावक पहले से ही परेशान हैं, इस बीच निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने का दबाव अभिभावकों को झेल पाना काफी मुश्किल लग रहा है। इसलिए हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, और जब तक सरकार फीस वृद्धि वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। प्रदर्शन में शामिल सविता नाम की महिला ने कहा, ‘प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी तरह के माफियाओं और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की है। उनका बुलडोजर लगातार माफिया और गैंगस्टर पर चल रहा है। हम उनसे मांग करते हैं कि शिक्षा माफिया पर भी बुलडोजर चलाया जाए।’
इस तरीके से अभिभावकों का प्रदर्शन करना कोई नई बात नहीं हैं । पहले भी इसको लेकर बहुत बार आवाज उठाई गई है लेकिन अभी तक इस परेशानी का कोई हल नही मिल पाया है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि इस बार इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा या कई बार कि तरह एक बार फिर इसे अंदेखा कर दिया जाएगा।