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बाइडन प्रशासन ने कहा अमेरिका के लिए भारत की एहमियत बहुत है

बाइडन सरकार ने भारत को अमेरिका के लिए बहुत जरुरी बताया। बाइडन ने अपनी विदेश नीति में भारत को प्रथम स्थान पर रखने के संकेत दिए। साथ ही भारत को हिन्द प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का करीबी साझेदार बताया। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका, भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में उभार और क्षेत्र की सुरक्षा में उसकी भूमिका का स्वागत करता है।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे सबसे अहम सहयोगियों में से एक हैं। हम भारत के वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरने और क्षेत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका का स्वागत करते हैं। ”

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। पिछले 15 दिनों में दोनों मंत्री की यह दूसरी बार फ़ोन पर बातचीत हैं। ब्लिंकेन और जयशंकर ने अपनी विदेश नीति के बारे में विचार विमर्श किया।

म्यांमार को लेकर भी दोनों नेताओ ने चिंता जताई। ब्लिंकेन ने म्यांमार में हुए तख्तापलट पर चिंता जाहिर की और कहा कि म्यांमार में कानून का शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कायम रहना जरूरी है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि “दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग की अहमियत पर विस्तार से चर्चा हुई। प्राइस ने कहा, दोनों पक्षों ने क्वैड (QUAD) समेत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। क्वैड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वैड को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को काउंटर करने के तौर पर देखा जाता रहा है। ”

प्राइस ने कहा कि भारत अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी के कई आयाम हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय संगठन में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका हमेशा से भारत का व्यापार में अहम साझेदार रहा हैं। साथ ही साल 2016 में दोनों देशो के बीच 146 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। इसके अलावा अमेरिकी कंपनिया भारत में विदेशी निवेश के लिए अहम स्त्रोत हैं।

प्राइस ने भारत और अमेरिका के बीच इतने सालों से कायम रिश्ते का भी जिक्र किया। वें आगे कहती है कि अमेरिका में 40 लाख भारतीय रहते हैं। जो अपने-अपने क्षेत्र योगदान दे रहे हैं।

वहीं, चीन को लेकर एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन ने कहा था कि चीन के खिलाफ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सख्त रुख बिल्कुल सही था। ब्लिंकेन ने संकेत दिए कि बाइडन प्रशासन भी चीन के खिलाफ सख्त रहेगी।

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