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जोधपुर हिंसा: झंडे के पीछे तो देश लड़ गए ये तो फिर भी शहर है

देश में अलग-अलग राज्यों में लगातार साम्प्रदायिक हिंसा फैल रही है, खासकर उन राज्यों में जहां या तो आम आदमी पार्टी की सरकार है या फिर कांग्रेस की। ऐसा ही ताजा मामला राजस्थान के जोधपुर का है जहां पर बीती रात दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई। यहां के जालोरी गेट पर झंडा उतार फेंकने व दूसरा झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। विवाद ने बढ़ते-बढ़ते पथराव का रूप ले लिया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात में काबू करने की कोशिश की। आइए जानते हैं पूरी खबर…

अब बात झंडे की हो रही है तो लोग रंगों से धर्म पहचानते हैं, उसकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि विवाद शुरू हुआ शहर के बालमुकंद बिस्सा सर्कल पर लगे भगवा झंडे को हटाने से… जिसको हटाकर वहां एक विशेष समुदाय का हरा झंड़ा लगाया गया। अब एक तरफ तो देश में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की गूंज और दूसरी तरफ भगवा झंडे को हटाना, तो हिंसा होनी थी लाजमी थी।

आज मनाए जा रहे ईद व अक्षय तृतीया के त्योहार की पूर्व रात हुए इस बवाल को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। वहीं पत्थरबाजी में कई लोगों के साथ ही पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए। शहर में माहौल तनावपूर्ण है लेकिन मामला फिलहाल शांत है। प्रशासन की तरफ से मंगलवार सुबह पढ़ी जाने वाली ईद की नमाज के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

हिंसा की कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों पर भी पुलिस ने जमकर लाठियां चलाई, जिसमें चार मीडियाकर्मी घायल हुए हैं। घायल मीडियाकर्मियों को अन्य साथियों के सहयोग से अस्पताल पहुंचा गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।

मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर इस हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि “जोधपुर के जालौरी गेट इलाके में दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। जोधपुर, मारवाड़ की प्रेम एवं भाईचारे की परंपरा का सम्मान करते हुए मैं सभी पक्षों से मार्मिक अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें”।