नोएडा पुलिस के सामने आया ऐसा मामला, जिसे सुनकर अधिकारी भी हुए हैरान
देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दिन ऐसे-ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनको देख और जानकर पुलिस भी हैरान हो जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है ग्रेटर नोएडा से, जहां एक व्यक्ति शादी के आठ साल बाद भी पिता नहीं बन पाया तो ऐसा कदम उठाया जिसने पुलिस को भी हैरत में डाल दिया।
दरअसल मन में पिता बनने की लालसा ने ग्रेटर नोएडा के एक लेबर ठेकेदार को एक बच्चे का अपहरणकर्ता बना दिया। जिसने अपने यहां काम करने वाले एक मजदूर दंपति के डेढ़ साल के बेटे को अगवा कर लिया। जब ये बात पुलिस को पता चली तो पुलिस भी हैरत में पड़ गई। और ज्यादा समय ना लगाते हुए बच्चे को तीन घंटे के अंदर ही बरामद कर लेबर ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया।
बच्चे को वापिस देखकर मजदूर दंपति आंखों में खूशी के आंसू लिए पुलिस अधिकारियों के पांवों में गिर गए और पुलिस को धन्यवाद किया। मामले में ग्रेटर नोएडा जोन के एडीसीपी विशाल पांडे ने बताया कि नॉलेज पार्क क्षेत्र में एलजी गोल चक्कर के पास कुछ मजदूर काम करते हैं। वहां पर हमीरपुर का रहने वाला एक दंपति परिवार भी मजदूरी करता है। वीरवार की दोपहर करीब 12.30 बजे वहां पर काम करने वाले एक दंपति मजदूर का डेढ़ साल का बेटा लापता हो गया था। मजदूर दंपति ने अपने बच्चे की तलाश की, लेकिन कुछ पता चल नहीं पाया। काफी तलाश करने के बावजूद भी जब लाडले का कुछ पता नहीं चल पाया तो माता-पिता ने घटना की जानकारी पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही थाना पुलिस अलर्ट हो गई और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। जांच में पता चला कि एक सफेद रंग की कार चालक बच्चे को अगवा कर ले गया है। थाना प्रभारी नॉलेज पार्क संजय कुमार सिंह व उनकी टीम ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद झाडिय़ों के पास से बच्चे को बरामद कर लिया। पूछताछ में पता चला कि उसे अगवा करने वाला लेबर ठेकेदार रूपवास थाना दादरी निवासी रमाशंकर पांडे है। जिसके अधीन बच्चे के मां-बाप काम कर रहे थे। पुलिस ने ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया और बच्चा उसके परिजनों को सौंप दिया।
वहीं इस बारे में जब आरोपी ठेकेदार से बात की गई तब उसने पूरी बात को खुलकर बताया। उसने कहा कि उसकी पत्नी के गर्भाशय में दिक्कत है। तीन बार आईवीएफ और भी कई इलाज करा चुके है लेकिन संतान नहीं हुई। जब वीरवार को मजूदरों के बच्चों को सडक़ के किनारे लापरवाही से खेलते हुए देखा तो उसके मन में ख्याल आया कि यहां बच्चा नहीं हो रहा और मजदूर बच्चों को सडक़ पर बेपरवाह होकर छोड़ रहे है। इन्हीं में से एक बच्चा उठा कर ले जाऊ और बिहार में अपने गांव में सबसे कह दू कि मै भी पिता बन गया हूं। हालांकि इस खबर ने सभी को हैरत में डाल दिया है।