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चीन में जिनपिंग सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी संस्थानों से हटाए जाएंगे विदेशी कंप्यूटर्स; जाने वजह

चीन की सरकार ने देश में सभी सरकार समर्थित कंपनियों और एजेंसियों को दो साल के अंदर वह इस्तेमाल हो रहे विदेशी ब्रांड के कंप्यूटरों को चीनी कंप्यूटरों से बदलने का आदेश दिया है। जिनपिंग सरकार द्वारा लिया गया यह कदम पश्चिमी तकनीक पर से चीन की निर्भरता को खत्म करने की दिशा में चीन के सबसे आक्रामक प्रयासों में से एक माना जा रहा है।

बदले जाएंगे करीब पांच करोड़ कंप्यूटर्स सिस्टम

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कर्मचारियों को स्थानीय रूप से उपलब्ध विकल्पों के साथ विदेशी निर्मित कंप्यूटरों को बदलने के लिए कहा गया है। चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित ये कंप्यूटर स्थानीय रूप से विकसित किए गए सॉफ्टवेयर पर बेस्ड होंगे। इस पूरी प्रक्रिया में सिर्फ केंद्र सरकार के स्तर पर तकरीबन पांच करोड़ कंप्यूटर सिस्टम को बदल दिया जाएगा।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

एक्सपर्ट्स की माने तो जिनपिंग सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम पश्चिमी टेक्नोलॉजी पर चीन की निर्भरता को कम करने की एक पहल है। चीन नहीं चाहता है कि वह पश्चिमी देशों द्वारा निर्मित कंप्यूटर को अपने सरकारी विभाग में जगह दे। चीन का यह कदम सिर्फ कंप्यूटर्स तक ही नहीं सीमित रहने वाला है। इसमें मोबाइल, सेमीकंडक्टर्स के साथ कई और चीजें भी शामिल होने की आशंका हैं।

रिपोर्ट के अनुसार चीन सरकार द्वारा उठाये गए कदम से डेल और एचपी जैसे बड़ी कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ने की आशंका है क्योंकि चीनी बाजार में इन कंपनियों की बड़ी उपस्थिति है।