भारत के खुदरा निवेशकों ने पिछले दो वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: केंद्रीय वित्त मंत्री
‘भारत के खुदरा या छोटे निवेशकों ने विशेषकर पिछले दो वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है; उन्होंने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है कि वे एकजुट होकर और एफपीआई के विपरीत शॉक एब्जॉर्बर बनकर क्या कर सकते हैं।’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के खुदरा निवेशकों द्वारा बाजार पर दिखाए गए असीम भरोसे की सराहना करते हुए अपने भाषण का शुभारंभ किया। केंद्रीय वित्त मंत्री मुंबई में भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी ‘नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल)’ के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रही थीं।
वित्त मंत्री ने धन्यवाद करते हुए कहा, ‘वर्ष 2019-20 में हर महीने औसतन 4 लाख नए डीमैट खाते खोले गए, यह संख्या वर्ष 2020-21 में तीन गुना बढ़कर 12 लाख प्रति माह हो गई एवं वर्ष 2021-22 में और भी ज्यादा बढ़कर लगभग 26 लाख प्रति माह हो गई।’
एनएसडीएल ने केंद्रीय वित्त मंत्री, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष श्रीमती माधबी पुरी बुच और मुख्य पोस्टमास्टर जनरल, महाराष्ट्र सर्किल श्रीमती वीणा रामकृष्ण श्रीनिवास की उपस्थिति में भारतीय पूंजी बाजार को अपनी सेवाएं देने के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया।
मार्केट का एकलव्य
इस समारोह के एक हिस्से के रूप में वित्त मंत्री ने हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में छात्रों के लिए ऑनलाइन निवेशक जागरूकता कार्यक्रम ‘मार्केट का एकलव्य’ का भी शुभारंभ किया।
सीतारमण ने इस अवसर पर कहा, ‘‘आप ‘बाजार का एकलव्य’ के माध्यम से उन लोगों तक पहुंचने में सक्षम होंगे जिन्हें वित्तीय साक्षरता की नितांत आवश्यकता है। यह बिल्कुल सही समय है जब लोगों में बाजार के बारे में विस्तार से जानने के प्रति काफी झुकाव है और इसके साथ ही यह छात्रों को जागरूक करने के बारे में एनएसडीएल द्वारा अपनाया गया सही दृष्टिकोण है।’’
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एनएसडीएल इस कार्यक्रम को दुनिया की कई भाषाओं में पेश करके इस पहल को वैश्विक बनाएं।
उन्होंने कहा, ‘इसके जरिए हम सही मायनों में विश्वगुरु बन सकते हैं, जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कल्पना की है।’ यदि इसे कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाता है तो दुनिया भर में ऐसे अनगिनत युवा हैं जो इस पहल से लाभान्वित होंगे।’
‘मार्केट का एकलव्य’ का उद्देश्य प्रतिभूति बाजार की मूल बातें पेश करना है और इसके साथ ही ऑनलाइन मोड में छात्रों के लिए वित्तीय बाजारों के बारे में प्रशिक्षण भी प्रदान करना है।
सीतारमण ने देश में फिनटेक कंपनियों द्वारा की जा रही प्रगति के साथ-साथ इस बारे में भी बताया कि भारत किस तरह से इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने सराहना करते हुए कहा, ‘फिनटेक में स्टार्टअप्स आज असाधारण प्रदर्शन कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से दुनिया भर के निवेशक हमारी फिनटेक कंपनियों की सफलता पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।