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इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन ने दिल्ली को विकसित करने के लिए किया सेमिनार का आयोजन

सोमवार को इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन ने नई दिल्ली में स्थित आईटीओ इलाके में गांधी पीस फाउंडेशन के अंदर 2035 तक दिल्ली को विकसित करने के विजन पर एक सेमिनार का आयोजन किया।

साथ ही फाउंडेशन में 2047 तक विकसित भारत (50T USD अर्थव्यवस्था) के मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। इस मिशन को प्राप्त करने के लिए हम विभिन्न विचारों और विचारों पर चर्चा/सुनने या विचार-विमर्श करने और एक कार्य योजना बनाने के लिए इस विषय पर सेमिनार आयोजन लिया गया।

इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन के फाउंडर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की “इस सेमिनार का मकसद युवाओं के बीच उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करना और ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में जागरूकता फैलाना है।

वहीं Newsgram.com के चीफ एडिटर डॉ. मुनीश रिजादा ने कहा “हम दिल्ली को 2035 तक एक विकसित (1T USD अर्थव्यवस्था, सकल घरेलू उत्पाद, >25000 USD प्रति व्यक्ति आय) और 2047 तक एक विकसित भारत (50T USD अर्थव्यवस्था GDP, >25000 USD प्रति व्यक्ति आय सभी भारतीयों के लिए) बनाने के मिशन पर हैं”

इंडिया फर्स्ट फाउंडेशन 2035 तक विकसित दिल्ली और 2047 तक विकसित भारत के मिशन को पूरा करने के ब्लू प्रिंट पर काम कर रहा है।

इस आयोजन में वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी शिरकत की और मौजूदा समय में भारतीय कानूनों को हटाने की बात कही, उन्होंने भारत की आज़ादी से पहले बने कानूनों को हटाने की बात भी कही साथ ही अमेरिका और सिंगापुर में बने कानूनों को लागू करने की मांग भी की। देंखे वीडियो-

इसके बाद आचार्य विष्णु गुप्त ने भी इस आयोजन के मंच पर अपनी बात रखी। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर तंज कस्ते हुए कहा कि “लोगों ने केजरीवाल को क्यों नहीं पहचाना था”। फिर उन्होंने भारतीय राजनीति और चुनाव की प्रक्रिया को लेकर विस्तार से अपनी बात रखी और इतिहास में हुए आंदोलनों की बात भी करी। इसके साथ ही वकीलों और जजों के ऊपर भी तंज कसा साथ ही भारतीय न्याय प्रणाली के ऊपर भी सवाल उठाये। नैतिकता को लेकर इन्होंने कहा कि हर इंसान में नैतिकता होनी चाहिए। देंखे वीडियो-

फिर विमल कुमार सक्सेना जी ने भी इस आयोजन में कहा कि सबको सभी समस्याएं भी पता हैं और समाधान भी पता हैं लेकिन दिक्कत कहां रही हैं। बदलाव होता नहीं दिख रहा है। अगर नीतियों का पालन नहीं होगा तो समस्याों का समाधान ही नहीं निकलेगा। विमल ने कहा कि सिस्टम ठीक होगा तो तभी बदलाव आएगा। उन्होंने आगे भ्रष्टाचार को लेकर भी अपनी बात रखी और राजनीति के अन्दर हो रहे भ्रष्टाचार पर भी कहा। टिकट प्रणाली पर भी अपने विचार रखे।