धान की खरीद में पिछले वर्ष की खरीद के मुकाबले 17.35 % की वृद्धि हुई
खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया जारी है, जिस प्रकार से विगत सत्रों में होती रही है।
खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से धान की खरीद की जा रही है। 9 फरवरी 2021 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 622.20 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी समान अवधि में पिछले वर्ष केवल 530.18 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी। इस वर्ष में अब तक की गई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 17.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज देखी गई है। 622.20 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 32.59 प्रतिशत है।
09.02.2021 तक खरीदे गए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1,17,471.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 51.92 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है। इतना ही नहीं गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से रबी विपणन सत्र 2020-2021 के लिए 15.87 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई थी। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।
09.02.2021 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 3,08,989.79 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 1,67,523 किसानों को 1,663.92 करोड़ रुपये की आय हुई है।
इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए 9 फरवरी 2021 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है। इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और कर्नाटक राज्यों से कपास की खरीद का कार्य भी सुचारु रूप से जारी है। दिनांक 09.02.2021 तक 18,85,011 किसानों से 26,583.38 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 91,13,280 गांठों की खरीद की जा चुकी है।