गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हितधारकों के साथ किया मंथन
केंद्र सरकार, भारत से गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने की संभावनाएं तलाशने के लिए मोरक्को, ट्यूनिशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, टर्की, अलजीरिया तथा लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगी।
भारत ने वैश्विक रूप से अनाज की बढ़ती मांग के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 10 मिलियन टन गेहूं का लक्ष्य निर्धारित किया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने पहले ही रेलवे, जहाजरानी तथा वाणिज्य मंत्रालयों सहित विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ तथा कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के तत्वाधान में गेहूं निर्यात पर एक कार्य बल का गठन कर लिया है।
वाणिज्य विभाग ने पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान जैसे गेहूं उत्पादक प्रमुख राज्यों में निर्यात पर ऐसी संवेदीकरण बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित करने की भी योजना बनाई है। एपीडा ने गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तथा गुणवत्तापूर्ण ऊपज का निर्यात सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा के करनाल में किसानों, व्यापारियों तथा निर्यातकों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ ऐसी एक परस्पर बैठक का आयोजन किया। हितधारकों की बैठक का आयोजन आईसीएआर-करनाल के गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया जहां गेहूं निर्यात के क्षेत्र में अवसरों एवं चुनौतियों पर चर्चा की गई।
वैश्विक बाजार में भारतीय गेहूं की मांग में बढोतरी लगातार जारी है, जिसे देखते हुए किसानों, व्यापारियों तथा निर्यातकों को आयातक देशों के सभी गुणवत्ता मापदंडों का अनुसरण करने का सुझाव दिया गया है जिससे कि भारत वैश्विक स्तर पर गेहूं का एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर कर सामने आए।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष एम. अंगमुथु ने कहा, ‘‘हम देश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए गेहूं निर्यात मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों को अपनी सहायता प्रदान कर रहे हैं।”
विदेश व्यापार महानिदेशालय के अनुमानों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 7 मिलियन टन (एमटी) गेहूं का निर्यात किया है जिसका मूल्य 2.05 बिलियन डॉलर आंका जाता है। गेहूं के कुल निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के दौरान बांग्लादेश को किया गया।
हाल ही में, मिस्र, जो विश्व में गेहूँ के सबसे बड़े आयातकों में से एक है, ने भारत से गेहूँ प्राप्त करने पर सहमति व्यक्त की थी। मिस्त्र के अधिकारियों ने भारत को इस रणनीतिक वस्तु के उद्भवों में से एक माना है। मिस्त्र ने 2021 में 6.1 एमटी गेहूं का आयात किया और भारत उन मान्यता प्राप्त देशों की सूची का हिस्सा नहीं था जो मिस्त्र को गेहूं का निर्यात कर सकते हैं। मिस्त्र के गेहूं आयात के 80 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा, जो 2021 में 2 बिलियन डॉलर के करीब आंका गया, रूस तथा यूक्रेन से आयात किया गया था।
एपीडा ने पहले ही निर्यातकों को मिस्र की सार्वजनिक खरीद एजेंसी – जनरल अथॉरिटी ऑफ सप्लाई एंड कमोडिटीज के साथ पंजीकरण करने के लिए कहा है, जो उत्तरी अफ्रीकी देश में गेहूं और चीनी के आयात का प्रबंधन करती है।