गाजियाबाद: सिर्फ बड़े और मोटी रकम के केस पर काम करती है नंदग्राम पुलिस!
“गाज़ियाबाद की नंदग्राम पुलिस सिर्फ बड़े और मोटी रकम के केस देखकर कार्रवाई करती है”
ऐसा कहना है, पिछले 5 महीने से अपने साथ कथित पत्रकार सुमित चौधरी के द्वारा हुए केस में नंदग्राम थाने के चक्कर काटने वाले पीड़ित शिव कुमार वर्मा का। आज की ख़बर नंदग्राम थाने की पुलिस को देखना बेहद जरूरी है, क्योंकि पीड़ित के द्वारा बताई गई कुछ बातों की सच्चाई जानने के बाद News Express ने भी नंदग्राम थाने में जाकर बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन वहां पुलिस का रवैया ऐसा था कि कोई आम आदमी थाने में अपनी शिकायत लिखवाने से पहले ही डर जाए।
बिना देर किए खबर पर आते हैं, मामले में पीड़ित शिव कुमार वर्मा विश्वास नगर के रहने वाले हैं, और अपने छोटे से मकान में किसी तरह गुजर बसर कर रह रहे हैं। उनका कहना है कि करीब 6 महीने पहले जनवरी में उन्होंने नंदग्राम थाने में अपने साथ हुए 2 लाख 50 हजार के फ्रॉड को लेकर FIR दर्ज करवाई थी, लेकिन तबसे लेकर अब तक वो अपने केस को लेकर नंदग्राम थाने और सिहानी चुंगी चौकी पर बैठने वाले इस केस के इंचार्ज भ्रमपाल सिंह के पास चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हर बार या तो इंचार्ज वहां उपस्थित नहीं होते या फिर किसी और बड़े केस में बिजी होने की बात बोलकर टाल देते हैं।
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पीड़ित शिव कुमार वर्मा का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है, और केस के आरोपी कथित पत्रकार सुमित चौधरी द्वारा उनके पैसे हड़पने के बाद उनके ऊपर करीब 5 लाख का कर्जा भी हो चुका है। जिसके कारण लगातार उनको धमकी भरे फोन भी आने लगे हैं, लेकिन नंदग्राम पुलिस के सामने गिड़गिड़ाने के बाद भी उनको आज तक सिर्फ झूठे आश्वासन देकर वापिस का रास्ता दिखा दिया गया।
“सर्विलांस टीम वाले नहीं करना चाहते काम”
पीड़ित शिव कुमार वर्मा का कहना है कि आरोपी कथित पत्रकार सुमित चौधरी की लोकेशन को ट्रैक करवाने के लिए भी उन्होंने कई बार थाने में बैठी सर्विलांस टीम से गुहार लगाई, लेकिन कभी वो किसी बड़े केस में उलझे रहने की बात बोलकर टाल देते हैं, तो कभी छुट्टी पर गए होते हैं। ऐसा ही कुछ 24 मई को भी हुआ। जब उनकी कुर्सी खाली ही पड़ी मिली।
हमारे पास और भी बड़े केस है देखने के लिए
पीड़ित के मुताबिक वो इतनी बार नंदग्राम थाने के चक्कर काट चुके है, कि केस के इंचार्ज भी अब उनको देखकर किलसने लगे हैं, उनका कहना है कि जब हाल ही में वो मामले में इंचार्ज के पास केस की जानकारी लेने पहुंचे तो इंचार्ज भ्रामपाल सिंह ने उनको हड़का दिया और कहा कि “जाओ कुछ नहीं होगा तुम्हारे केस में, हमारे पास और भी बहुत बड़े केस है तुमसे मोटी रकम के”।
SHO से लेकर SSP तक से लगाई गुहार
पीड़ित शिव कुमार वर्मा का कहना है कि मामले में उन्होंने नंदग्राम थाने के SHO से लेकर गाजियाबाद SSP तक को लिखित में एप्लीकेशन दी, लेकिन सिर्फ झूठे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
पीड़ित की आर्थिक हालात इतने खराब हैं, कि कभी कभी उनके घर में एक वक्त की सब्जी के भी पैसे नहीं होते, ऐसे में उनके पास कर्जियों के फोन लगातार आते रहते हैं, कई बार तो उन्हे कर्ज का पैसा नहीं चुकाने पर जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है, लेकिन पुलिस को ये बात बताने के बाद भी उनको एक ही जवाब मिला, “एप्लीकेशन लिखकर दे दो हम कारवाई करेंगे”। जिसकी बाद पीड़ित किसी और केस में ना फसने की सोच लेकर चुप चाप घर वापिस लौट गए।
ये है पूरा मामला
मामले की पूरी जानकारी के लिए बता दें कि पीड़ित शिव कुमार वर्मा पुत्र स्व. श्री आनंद स्वरूप वर्मा सिहानी रोड़ विश्वास नगर, गाजियाबाद का रहने वाला हैं। प्राथी द्वारा कम्पनी जलधारा ट्रेडर्स का कुछ बकाया हंक एक्वा वाटर जिसके प्रोपराईटर साहिल खान है एंव उक्त कंपनी मुंबई में है। जिसमें प्रार्थी की बकाया रकम के भुगतान हेतु सुमित चौधरी जोकि मीडिया से सम्बन्ध रखता है और जिसक ऑफिस leaf media ltd. के नाम से दिल्ली में हैं।
सुमित चौधरी ने प्रार्थी को बताया कि मैं आपकी बकाया रकम दिलावा दुंगा और मेरे कहे अनुसार चले। तो प्रार्थी ने सुमित के कहने पर उक्त कम्पनी से समझौता कर लिया जिसके एवज में उक्त कम्पनी ने प्रार्थी को अकन ऊ. 7,00,000/- रूपये दिनांक 10.10.2021 को प्रार्थी के चालू खाते में ट्रांसफर कर दिए। खाते में पैसे आते ही सुमित चौधरी ने प्रार्थी को कहा कि मैं फस गया हुआ क्योंकि उक्त समझौता आपका और कम्पनी का मैनें कराया है, और कम्पनी ने कहा है कि आपके द्वारा पैमेन्ट जानी है। पैमेन्ट अपने खाते में दिखाओं। सुमित चौधरी ने प्रार्थी से कहा कि अंकन 2, 50,000/-रूपये मेरे खाते में ट्रान्जेक्शन दिखाने के लिए टसिफर कर दो, जिसके बाद प्रार्थी ने दिनांक 12.10.2021 को अंकन 2, 50,000/-रूपये ट्रान्जेक्शन दिखाने के लिए सुमित चौधरी के खाते में ट्रान्सफर कर दिये और सुमित चौधरी ने प्रार्थी को कहा कि मैं आपके द्वारा भेजी गयी राशि 5 मिनट में वापस कर दूंगा।
लेकिन जब प्रार्थी ने एक घण्टे बाद जब सुमित चौधरी को फोन किया. तो सुमित चौधरी पहले तो प्रार्थी को टालमटोल करता रहा लेकिन तीन चार दिन बाद गाली-गलौच व जान से मारने की धमकी देकर पैसे वापिस करने से साफ इंकार कर दिया। वहीं धमकी दी कि मैं मीडिया हूं जो भी तुमसे होता हो कर लो, पुलिस मेरे हाथ में है। जिसके बाद से आज तक पीड़ित शिव कुमार वर्मा नंदग्राम थाने और चौकीयों के चक्कर लगा रहा है।