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अफगानिस्तान पर भारत की नज़र, US, Russia और China भी देंगे साथ

जहां पूरी दुनिया की नजर इस वक्त रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) पर है, वहीं भारत की पैनी नज़र अफगानिस्तान (Afghanistan) पर है। इसकी बड़ी वजह अपने देश की सुरक्षा भी है। जिसके चलते भारत ने अफगानिस्तान में सभी हितधारकों के साथ बातचीत तेज कर रहा है…

गुरुवार को एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) एक क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे के लिए रवाना हुए। जिसमें अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी।


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बता दें कि पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर अपना कब्जा कर लिया, जिसके बाद से उसपर अपने किए गए वादों से मुकरने का आरोप लगाया जा रहा है। साथ ही तालिबान पर महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा को अनदेखा करने का आरोप लग रहा है।

हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया कि एक खबर के मुताबिक तालिबान ने बताया कि वे दोहा समझौते का पालन कर रहे हैं और किसी को भी पड़ोसी और क्षेत्रीय देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। ये बातचीत शुक्रवार को सम्मेलन से पहले की है।

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में दोहा में तालिबान राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र में राजदूत-नामित सुहैल शाहीन ने कहा, “अगर किसी को कोई समस्या है, तो हम शांतिपूर्ण तरीके से बात करने और इसे हल करने के लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान व्यापार का केंद्र बने। इसके लिए, हम सभी के साथ अच्छे संबंध और सहयोग चाहते हैं। अब, यह दूसरों पर निर्भर करता है। अफगानिस्तान में दबाव की रणनीति ने कभी काम नहीं किया।”