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Rajya Sabha Election: एक एक कर सभी मुस्लिम चहरे हटा रही बीजेपी, अब राज्यसभा का नंबर!

आने वाले तीन महीने में मोदी केबिनेट में बड़ा फेरबदल होने वाला है। यहां पर 15 राज्यों के 57 राज्यसभा सांसद अगले रिटायर होने वाले हैं। क्योंकि आगामी 10 जून को चुनाव होने हैं। जिसके बाद वैसे तो केंद्र सरकार के 4 मंत्री पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास नकवी और रामचंद्र प्रसाद सिंह(आरसीपी सिंह) रिटायर हो जाएंगे लेकिन भाजपा ने पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण को फिर से प्रत्याशी बनाया है, और मुख्तार अब्बास नकवी को टिकट नहीं दिया गया है।

दूसरी तरफ जेडीयू के कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह को भी उनकी पार्टी ने राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला लिया है। लेकिन इस फैसले से मोदी कैबिनेट पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं।


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वैसे तो साफ है कि आरसीपी सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी दोबारा राज्यसभा नहीं जाने वाले हैं, और अगर ऐसा होता है तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। हालांकि, राज्यसभा सदस्यता समाप्त होते ही इस्तीफा देना जरूरी नहीं है। नियम ये कहता है कि किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के बाद भी दोनों अगले छह महीने तक मंत्री बने रह सकते हैं। इस बीच अगर वह लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य नहीं बनते तो उसके बाद दोनों को इस्तीफा देना ही पड़ेगा।
वहीं बीजेपी के पास केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, सैय्यद शहनवाज हुसैन, एमजे अकबर, जफर इस्लाम को मिलाकर 4 बड़े मुस्लिम नेता हैं। सभी की बात की जाए तो मुख्तार अब्बास नकवी केंद्रीय मंत्री हैं। एमजे अकबर और जफर इस्लाम राज्यसभा के सांसद और शहनवाज इस वक्त बिहार सरकार में मंत्री हैं।

अब मुख्तार अब्बास नकवी के साथ-साथ एमजे अकबर और जफर इस्लाम का राज्यसभा कार्यकाल पूरा हो रहा है। लेकिन तीनों को ही भाजपा ने दोबारा प्रत्याशी नहीं बनाया है। ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं।


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आजम खान के इस्तीफे के बाद रामपुर की लोकसभा सीट खाली हो चुकी है, और चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को रामपुर से लोकसभा उपचुनाव में उतारे जा सकते हैं। फिलहाल आजम खान इसी सीट से विधायक हैं।

कयास ये भी है कि इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में मुख्तार अब्बास नकवी को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। मानना तो ये भी है कि मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा में मनोनीत सांसद भी बनाया जा सकता है। जैसा कि आपको पता होगा, राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद होते हैं। इन सभी का चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। और इस वक्त पांच मनोनीत सदस्य हैं, जबकि सात सीटें खाली हैं।

वहीं दूसरी तरफ आरसीपी सिंह की किसमत फिलहाल उनका साथ नहीं दे रही, क्योंकि जेडीयू ने आरसीपी सिंह को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजने का फैसला लिया है। ऐसे में तय है कि उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा।