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फैमि‍ली पेंशन भुगतान की सीमा 45,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रतिमाह की गई : डॉ. जितेन्‍द्र सिंह

केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास(स्‍वतंत्र प्रभार),कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मामलों के राज्‍य मंत्रीडॉ.जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि फैमिली पेंशन में सुधार किया गया है और उसके भुगतान कीसीमा 45,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। उन्‍होंने कहा कि इस कदम से स्‍वर्गवासी हो चुके कर्मचारियों के परिवार के सदस्‍यों का जीवन आसान हो जाएगा और उन्‍हें पर्याप्‍त वित्‍तीय सुरक्षा मिलेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि पेंशन एवं पेंशनर कल्‍याण विभाग (डीओपीपीडब्‍ल्‍यू) ने उस राशि के मामले में स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या‍ पिता की मृत्‍यु हो जाने पर कोई बच्‍चा फैमिली पेंशन की दो किस्‍तें निकालने का हकदार होता है। डॉ. सिंह ने कहा कि अब ऐसी दो किस्‍तों की कुल राशि 1,25,000 से ज्‍यादा नहीं हो सकती। यह पिछली सीमा से ढ़ाई गुना अधिक की वृद्धि है।

केन्‍द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमन 1972 के नियम 54 के उपनियम 11 के अनुरूप, यदि पति और पत्‍नी दोनों ही सरकारी सेवा में हैं और इस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मौत की स्थिति में उनका जीवित बच्‍चा अपने माता-पिता की दो फैमिली पेंशन पाने के योग्‍य होगा। इससे पहले के निर्देशों में तय किया गया था कि ऐसे मामलों में दो फैमिली पेंशन की कुल राशि 45,000 रुपये प्रतिमाह और 27,000 रुपये प्रतिमाह, यानी क्रमश: 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से अधिक नहीं होगी। यह दर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 90,000 रुपये केअधिकतम वेतन के संदर्भ में तय की गई थी।

अब ज‍बकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अधिकतम वेतन बढ़कर 2,50,000रुपये प्रतिमाह हो गया है, तोकेन्‍द्रीय सिविल सेवा पेंशन के नियम 54 (11) के अनुसार यह राशि 2,50,000 रुपये का 50 प्रतिशत यानी 1,25,000 रुपये और 2,50,000 रुपये का 30 प्रतिशत यानी 75,000 रुपये तय की गई है।

यह स्‍पष्‍टीकरणविभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों से प्राप्‍त संदर्भों के मामले में जारी किया गया है। मौजूदा नियमों के अनुसार यदि किसी बच्‍चे के माता-पिता सरकारी सेवा में हैं और उनमें से एक की सेवाकाल में मृत्‍यु हो जाती है या वह सेवानिवृत्‍त हो जाते हैं तो स्‍वर्गवासी होने वाले व्‍यक्ति की फैमिली पेंशन उसके जीवित साथी को दी जाएगी और यदि उस साथी की भी मौत हो जाती है, तो जीवित बच्‍चे को, अपनी योग्‍यता साबित करने के बाद, अपने स्‍वर्गवासी माता-पिता दोनों की फैमिली पेंशन अदा की जाएगी।