गाजियाबाद में रोपवे का विरोध क्यों कर रहे स्थानीय लोग, जानिए वजह
गाजियाबाद में रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ लोगों की आवाज तेज होने लगी है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर गाजियाबाद की शान में चार चांद लगाने वाले इस प्रोजेक्ट के खिलाफ लोगों में गुस्सा कैसे बढ़ गया कि लोग भूख हड़ताल पर बैठ गए। आइए जाते हैं…
दरअसल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय लोग खुश नहीं है। वैशाली से मोहन नगर के बीच बनने वाला ये प्रोजेक्ट वैशाली और मोहननगर मैट्रो को जोड़ेगा, लेकिन स्थानीय लोग ऐसा बिलकुल नहीं चाहते।
मेट्रो के विस्तार की मांग
लगातार इस रोपवे का विरोध करते हुए लोग क्षेत्र में मेट्रो के विस्तार की मांग कर रहे हैं। वसुंधरा निवासी समाजसेवी अमित किशोर और नितिन भारद्वाज ने एक दिवसीय भूखहड़ताल कर इस प्रोजेक्ट का विरोध किया और क्षेत्र में मेट्रो के विस्तार करने की मांग की।
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जबरदस्ती थोपा जा रहा है रोपवे
एक दिन की भूखहड़ताल कर रहे दोनों समाजसेवियों का कहना है कि प्रशासन व जीडीए जबर्दस्ती स्थानीय लोगों पर रोप-वे प्रोजेक्ट थोप रहा है। जबकि लगातार स्थानीय जनता रोप-वे की बजाय मेट्रो विस्तार की मांग कर रही है। समाजसेवी अमित किशोर ने बताया कि दो-दो बार मेट्रो का डीपीआर तैयार करने के बाद और दिल्ली मेट्रो द्वारा डिमांड नोटिस जारी होने के बाद भी मेट्रो प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डालकर रोपवे को लाया जा रहा है।
11 जून को ट्रांस हिंडन के संगठन करेंगे बैठक
मामले में ट्रांस हिंडन से जुड़े सामाजिक संगठनों की एक बैठक 11 जून को आयोजित की जाएगी। जिसमें रोप-वे प्रोजेक्ट का विरोध करने पर चर्चा होगी। धरनारत समाजसेवियों का कहना है कि एक पूरा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। ताकि मेट्रो विस्तार को लेकर प्रशासन व जीडीए गंभीर हो। इस दौरान सचिन चौधरी, गिरीश शर्मा, आशीष सोलंकी, संतोष शर्मा, देव कुमार, विनोद कुमार शर्मा, अमित शर्मा, जय देव, प्रशांत सिरोही, प्रदीप मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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जानकारी के लिए बता दें कि रोपवे प्रोजेक्ट का रूट तय करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी की ओर से वैशाली से मोहननगर सहित कुल चार में से एक रूट फाइनल किया जाएगा। वैशाली से मोहननगर के अलावा नया बस अड्डा मेट्रो से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन, वैशाली मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-62 नोएडा मेट्रो स्टेशन और राजनगर एक्सटेंशन चौराहे से हिंडन रिवर मेट्रो स्टेशन रूट तय किए गए थे। इनमें से एक रूट को तय किया जाना है।
मामले में कमेटी जून माह के आखिर तक अपना निर्णय सुना सकती है। कमेटी में डीएम के अलावा जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश, प्राधिकरण सीएटीपी और जीडीए बोर्ड सदस्य हिमांशु मित्तल शामिल हैं।
रोपवे की लागत मेट्रो से चार गुना कम
दरअसल गाजियाबाद रोपवे की कीमत मेट्रो की कीमत से चार गुना कम है, जिस वजह से प्राधिकरण प्राथमिकता के आधार पर काम कर रहा है। इस मामले को लेकर जीडीए मुख्य अभियंता राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि जीडीए के साथ एनएचएलएमएल की ओर से वैशाली से मोहननगर रूट पर सर्वे पूरा कर लिया गया है। वैशाली से मोहननगर रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए एनएचएआई की स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) जमीनी सर्वे पूरा चुकी है। जीडीए की तकनीकी कमेटी ने भी इसी रूट को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है। ऐसे में डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी की मंजूरी के बाद एनएचएलएमएल की ओर से संशोधित डीपीआर पर काम शुरू किया जाएगा।