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18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव, 21 जुलाई को आएंगे नतीजे, जानिए चुनावी प्रक्रिया

भारत के 16वें राष्ट्रपति पद के चुनाव की तारिख का ऐलान निर्वाचन आयोग ने कर दिया है। राष्‍ट्रपति पद के चुनाव 18 जुलाई को होंगे और जरूरी होने पर 21 जुलाई को मतगणना की जाएगी। मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार ने आज यहां राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए‍ विस्‍तृत कार्यक्रम की घोषणा कर कहा कि चुनाव में कुल मतदाताओं 4,809 होगें, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक शामिल हैं। राज्यसभा के महासचिव निर्वाचन अधिकारी भी मौजूद होंगे।

सांसदों के लिए वोटिंग करने का स्‍थान संसद और विधायकों के लिए राज्‍य की विधानसभाएं होंगी। वोट डालने के लिए आयोग अपनी ओर से एक पैन प्रोवाइड कराएगा और मतदाता किसी अन्य प्रकार का पैन का इस्‍तेमाल करेगा तो मतगणना के समय वोट अवैध करार दिया जाएगा।

इन दिनों होगी प्रक्रिया
नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून से शुरू होगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून होगी। 30 जून को नामांकन पत्रों की जांच कि जाएगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारिख 2 जुलाई होगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा,वहीं मतगणना 21 जुलाई को होगी।

ऐसे चुने जाते हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति का चुनाव आम चुनाव जैसा नहीं होता है। इसमें जनता सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लेती है, बल्कि जनता ने जिन विधायकों और सांसदों को चुना होता है, वो हिस्सा लेते हैं। विधायक और सांसद के वोट का वेटेज अलग-अलग होता है। संविधान के अनुच्छेद-54 के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल करता है। इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व आनुपातिक होता है। यानी, उनका सिंगल वोट ट्रांसफर होता है, पर उनकी दूसरी पसंद की भी गिनती होती है।

वोटिंग का तरिका
हिस्सा लेने वाले सदस्य उम्मीदवारों में से पहले अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डालते हैं। वह बैलट पेपर में सदस्य बता देते हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद क्या है। अगर पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो पाता है, तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। इसी वजह से सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है।

ये ले सकते हैं वोटिंग में हिस्सा
• संसद के दोनों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा) के सदस्य
• राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
• राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य

इन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं
राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के नामजद सदस्य और राज्यों के विधान परिषदों के सदस्य इस वोटिंग में शामिल नहीं हो सकते हैं।