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नुपुर शर्मा के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर काशी धर्म परिषद में प्रस्ताव पारित

कल देश के कई शहरों में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर आज काशी धर्म परिषद में करीब 16 प्रस्ताव पारित किये गये हैं। इसमें कहा गया कि “इस्लामी आतंकियों के हाथ में देश को नहीं छोड़ा जा सकता है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। नफरत फैलाने वालों की संपत्ति जब्त की जाए। कट्टरपंथी नमाजियों के कारण देश का माहौल खराब हो रहा है”। परिषद में आगे कहा गया “नुपुर शर्मा को धमकी देने वालों पर रासुका लगाने की बात भी कही गई। जिस मस्जिद में पथराव हुआ उस मस्जिद की तालाबंदी की जाए। इसमें कहा गया देश को बचाने के लिए संतों को सड़क पर आना होगा। साथ ही देवी देवताओं के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले को जेल में भेजना चाहिए और तकरीर करने वाले मौलानाओं के भाषण को रिकार्ड किया जाना चाहिए”।

ये प्रस्ताव हुए पारित
जुमे के दिन हिंसा करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
जिस मस्जिद से पथराव हो रहा है उसे बंद किया जाए।
ज्ञानवापी पर सच बोलने वाले अफसर बाबा को स्थायी सुरक्षा दी जाए। हमलावरों को गिरफ्तार कर रासुका लगाया जाए।
नूपुर शर्मा को दुष्कर्म की धमकी देने वाले हैवानों पर रासुका लगाया जाए।
देश को इस्लामी कट्टरपंथियों से बचाने के लिए संतों को भी सड़क पर उतरना होगा।
देश को इस्लामी देश बनाने की साजिश का पर्दाफाश करना होगा।
संतों, महात्माओं और नागा साधुओं की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी।
देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने, फिल्मों में मजाक बनाने वालों को तत्काल जेल भेजा जाए।
मोहल्ले के स्तर पर जिहादियों की सूची बनाई जाए।
जुमे के दिन नफरत फैलाने वाली तकरीर देने वाले मौलानाओं को गिरफ्तार कर संपत्ति जब्त की जाए।
हर मस्जिद में सीसीटीवी कैमरा लगे, मौलानाओं का भाषण रिकॉर्ड हो।
देश के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वाले इस्लामी देशों के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म किए जाएं।
संत समाज की शहर स्तर पर इकाई गठित की जाएगी जिसमें सभी पंथों के लोग शामिल होंगे।
जुमे के दिन रांची में उपद्रव के आरोपियों को झारखंड सरकार तत्काल जेल भेजे, अन्यथा देशभर में आंदोलन के लिए तैयार रहे।
कट्टरपंथियों पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार कठोर कानून बनाए।

बता दें कल कई जगहों पर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया जिसके बाद प्रशासन के निर्देश के मुताबिक स्थानीय पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया। कल दिल्ली से लकर यूपी तक प्रदर्शन हुए थे और आज यानी शनिवार को पश्चिम बंगाल व रांची में उपद्रवियों ओर पुलिस के बीच ताजा झड़प हुई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।

यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि “कल यूपी में जो घटना हुई उसमें कुछ जनपदों में कुछ व्यक्तियों ने शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की थी, जिनकी पहचान की जा चुकी है। उनकी गिरफ़्तारी बहुत तेजी से की जा रही है। अब तक 230 व्यक्तियों की गिरफ़्तारी की जा चुकी है”।

इसके साथ ही प्रयागराज एसएसपी अजय कुमार ने कहा कि 70 से ज्यादा लोग अभियुक्त और 5000 से ज्यादा अज्ञात लोग इस हिंसा में शामिल पाए गए हैं। इन लोगों पर गैंगस्टर एक्ट और एनएसए के तहत होगी कार्यवाही।

उधर झारखंड के रांची में जिला प्रशासन ने रविवार तक इंटरनेट सेवा पर रोक भी लगा दी है। रांची के 12 इलाकों में भी धारा 144 लागू है। रांची में विभिन्न धार्मिक संगठनों ने बंद बुलाया है। रांची के एसएसपी एसके झा ने कहा कि, “रांची में हुई हिंसा में 13-14 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, हम हर जगह मुस्तैद हैं। हमने ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कर दिया है। जो भी दोषी हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा”। पुलिस कर्मियों को RIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका वहां इलाज चल रहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा को लेकर कहा कि, ‘हावड़ा हिंसा के पीछे कुछ राजनीतिक पार्टियां हैं, हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। भाजपा की कृत्यों के कारण आम जनता क्यों पीड़ित हों।’ बता दें कि पश्चिम बंगाल में 13 जून तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है।