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104 घंटे तक बोरवेल के गड्ढ़े में अटकी रही राहुल की जान, अस्पताल में किया भर्ती

आपने एक कहावत सुनी होगी “जाको राखे साईयां मार सके न कोई”। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांंपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरा राहुल के साथ हुआ। वह करीब 105 घंटो तक बोरवेल में गिरे गड्ढ़े के अन्दर जिंदगी और मौत के बीच लड़ता रहा। बीती देर रात करीब 11 बजे सेना के जवानों और बचाव दल के कर्मियों की मदद से उसे निकाला गया। राहुल को गड्ढ़े से रेस्क्यू करने के बाद पहले प्राथमिक उपचार दिया गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए अपोलो अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में राहुल का इलाज जारी है।

इस रेस्क्यू ऑपरेशन के पूरे होने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू टीम में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारियों को ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा “हमारा बच्चा बहुत बहादुर है। उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे। आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं। इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद। बता दें कि इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्वयं भूपेश बघेल ने इसकी मॉनिटरिंग करी”।

मुख्मंत्री ने एक और ट्वीट किया, इसमें उन्होंने राहुल के स्वस्थय होने की कामना की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “माना कि चुनौती बड़ी थी। हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे। तो इरादे हमारे फौलादी थे। सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है”।

इस घटना पर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि गड्ढ़े के अन्दर की तरफ एक बड़ी चट्टान थी, जिस पर राहुल बैठा था और बच्चे को निकालने में वही चट्टान बाधा बन रही थी। उसी चट्टान को साइड से काटने का प्रयास भी किया गया था। वह बहुत मजबूत चट्टान थी। उन्होने आगे कहा कि राहुल को लगातार खाना दिया जा रहा था, लेकिन वह काफी थका हुआ लग रहा था। वह खाना भी लेना बंद कर दिया था। राहुल की जिंदगी बचाने के लिए यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू है। हम जीते हैं, हमारी टीम जीती है।