शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुँचे, जानिए नाराज़गी की वजह
महाराष्ट्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही हैं। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे सभी विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी में चले गए हैं। इस बीच शिंदे ने कहा कि वह पार्टी का साथ तब देंगे, जब शिवसेना महाविकास अघाड़ी से अलग होकर भाजपा के साथ आएगी। शिंदे ने आगे कहा कि बालासाहब के पक्के शिवसैनिक हैं और बाला साहब ने हमें हिंदुत्व का पक्का पाठ पढ़ाया है। हम सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे और बालासाहब ठाकरे व आनंद दिघे के द्वारा दी गई शिक्षा को कभी नहीं भूलेंगे। हम बालासाहब के हिंदुत्व और उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे। कल शिंदे पार्टी विधायकों के साथ गुजरात आ गए थे और उद्धव ठाकरे का फोन भी नहीं उठा रहे थे।
#WATCH | "A total of 40 Shiv Sena MLAs are present here. We will carry Balasaheb Thackeray's Hindutva," said Shiv Sena leader Eknath Shinde after arriving in Guwahati, Assam pic.twitter.com/YpSrGbJvdt
— ANI (@ANI) June 22, 2022
Assam: Shiv Sena leader Eknath Shinde and other party MLAs reach Guwahati airport from Surat, Gujarat. pic.twitter.com/Z8r0bfjejy
— ANI (@ANI) June 22, 2022
एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके पास निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ कुल मिलाकर 46 विधायक हैं। वहीं, आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कैबिनेट की बैठक करेंगे। महाराष्ट्र कांग्रेस कमलनाथ की मौजूदगी में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक करेगी। जिसमें कांग्रेस के 43 विधायक मौजूद होंगे और महाराष्ट्र कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ और कांग्रेस के कई बड़े नेता बैठक के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मिल सकते हैं।
जानिए महाराष्ट्र सरकार का समीकरण
बता दें कि महाराष्ट्र राज्य में कुल सीटे 288 हैं और बहुमत के लिए 50 फीसद यानी 144 साटों की जरूरत होती है। फिलहाल महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में कुल 153 विधायक हैं। जिसमें तीन पार्टीयों का गठबंधन है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी। इसमें शिवसेना के 56 विधायक हैं, कांग्रेस के 44 और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 56 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में एनडीए के सरकार में चार पार्टियां हैं जिसमें सबसे ज्यादा 106 विधायक भाजपा के हैं, आरएसपी का 1, जेएसएस का 1 और 5 निर्दलीय हैं। वहीं इनके अलावा एआईएमआईएम के 2, निर्दलीय व अन्य 19 और 1 विधानसभा सीट खाली है।
शिवसेना में शिंदे सबसे ताकतवर नेता
एकनाथ शिंदे को ठाकरे परिवार में सबसे ताकतवर शिवसैनिक माना गया है। 1980 के दशक में शिवसैनिक बने एकनाथ शिंदे लगातार चार बार से ठाणे की कोपरी-पांचपखाडी सीट से विधायक हैं। 2019 में विधानसभा चुनाव होने के बाद शिवसेना जब भाजपा से अलग हुई थी तब उद्धव ठाकरे ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना था।
क्यों नाराज़ हैं शिदें
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना के काफी करीबी और सबसे ताकतवर नेता शिंदे का बागी होना एक दिन का परिणाम नहीं, बल्कि यह उद्धव ठाकरे द्वारा लगातार उनकी की जा रही अवहेलना और अनदेखी का नतीजा है। बता दें उद्धव के मुख्यमंत्री बनने से पहले एकनाथ शिंदे का नाम महाविकास अघाड़ी के CM पद के लिए सामने आया था, लेकिन उन्हें नगर विकास मंत्री बना दिया गया।
शिंदे की नाराज़गी की एक बजह अपने मंत्रालय में CM और उनके बेटे आदित्य ठाकरे की दखल भी है। उनके करीबी लोगों का कहना था कि बिल्डर लॉबी से जुड़े लोग सीधे CM से मिल रहे थे और उनके काम में अड़चन पैदा हो रही थी, इन्हीं वजहों से शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं।