इनमें से कोई एक हो सकता है श्रीलंका का नया राष्ट्रपति, एक हफ्ते में चुना जा सकता है नया राष्ट्रपति
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भागने के बाद से अगले राष्ट्रपति कौन होंगे, ये चर्चा इन दिनों जोरों पर है। छठी बार प्रधानमंत्री बने नेता, विपक्ष के मुख्य नेता और सत्ताधारी पार्टी के नेता जिन्होंने पत्रकारिता के क्षैत्र से राजनीति में कदम रखा है, उनका नाम सबसे आगे है।
श्रीलंका के संसदीय अध्यक्ष राजपक्षे का आधिकारिक इस्तीफा मिलने के बाद विधायी निकाय बुलाएंगे और इसके 225 सदस्य अगले सप्ताह नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान भी करेंगे। जीतने वाले उम्मीदवार को संसद में एक साधारण बहुमत हासिल करना होगा। साथ ही उन सैकड़ों हजारों श्रीलंकाई लोगों का विश्वास भी हासिल करना होगा, जिन्होंने विरोध आंदोलन में भाग लिया है।
रानिल विक्रमसिंघे
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे, जिन्होंने मई में छठी बार प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला और उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है, सूत्रों ने कहा कि हालांकि विक्रमसिंघे की पार्टी के पास संसद में केवल एक सीट है, लेकिन श्रीलंका के सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के कुछ वर्ग, जिनमें राष्ट्रपति के भाई बासिल राजपक्षे भी शामिल हैं, उनका समर्थन कर रहे हैं।
साजिथ प्रेमदासा
वहीं, मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) पार्टी के नेता साजिथ प्रेमदासा (55) राष्ट्रपति पद के लिए भी एक और उम्मीदवार हैं, लेकिन संसद में केवल 50 सांसदों के साथ, उन्हें जीत हासिल करने के लिए बाईपार्टी समर्थन बनाने की जरूरत होगी।
विधायक दुलास अल्हाप्परुमा
एक और राष्ट्रपति पद के दावेदारों में तीसरा नाम एसएलपीपी के एक वरिष्ठ विधायक दुलास अल्हाप्परुमा हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी के सहयोगियों के एक वर्ग के बीच समर्थन प्राप्त किया है। एसएलपीपी की सांसद चरिता हेराथ ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के पास करीब 117 वोट हैं, जिनका इस्तेमाल 63 वर्षीय पूर्व पत्रकार जैसे उम्मीदवार को खड़ा करने और उन्हें जीताने के लिए किया जा सकता है।
एक हफ्ते में चुना जा सकता है नया राष्ट्रपति
आपको बता दें कि श्रीलंका में जारी संकट के बीच वहां के संसदीय अध्यक्ष ने शुक्रवार को कहा कि एक सप्ताह के भीतर नया राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा। गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार देर रात मालदीव से सिंगापुर पहुंचने के बाद अपना इस्तीफा ईमेल के ज़रिए से सौंप दिया है। गोटाबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं। श्रीलंका में 1978 में राष्ट्रपति शासन प्रणाली अपनाने के बाद से राजपक्षे इस्तीफा देने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।