लूलू मॉल में नमाज़ पढ़ने के मामले में एफआईआर दर्ज़, मॉल प्रबंधन ने माँगी माफ़ी
उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित लूलू मॉल में नमाज़ पढ़ने की तस्वीर सामने आते ही बवाल मच गया है। हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध जताया है। उनके द्वारा यह ऐलान किया गया था कि वो लोग अब हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। साथ ही मॉल प्रशासन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने नमाज़ पढ़ी थी। साथ ही उनके द्वारा अज्ञात लोगों पर मामला भी दर्ज करवाया गया है। साथ ही माफ़ी भी माँगी गयी है।
दरअसल, लखनऊ में सार्वजनिक स्थलों पर पूजा-पाठ या नमाज अदा करने पर धारा 144 के तहत पाबंदी है। पुलिस ने धारा 153A, 295A, 341 समेत कई अन्य धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। माल प्रबंधन ने कहा कि हम सभी धार्मिक भावनाओं का आदर करते हैं। माल के लिए बनाए गए नियम के तहत, हम यहां किसी भी प्रकार की संगठित धार्मिक कार्य या प्रार्थना जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों और सुरक्षा टीम से कहा गया है कि माल परिसर में ऐसी गतिविधियां न हों।
वहीं आज हिन्दू महासभा के द्वारा जिस स्थान पर नमाज़ पढ़ा गया था, वहीं हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान किया था। हिन्दू महासभा को अयोध्या के संतों का भी साथ मिला था। लेकिन लूलू मॉल के प्रबंधकों के द्वारा माफ़ी मांगने के बाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। हालांकि अखिल भारत हिंदू महासभा के लुलु माल में सुंदर कांड का कार्यक्रम स्थगित करने के बाद भी प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। उनको लालबाग में उनके आवास पर नजरबंद किया गया है।
बता दें, 11 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लूलू मॉल का उद्घाटन किया था। यह मॉल लखनऊ के गोल्फ सिटी में करीब 11 एकड़ में बनाई गई है। इसकी कुल लागत दो हज़ार करोड़ रुपये लगी है। माना जा रहा है कि यह मॉल देश का सबसे बड़ा मॉल है। इसके मालिक एमए यूसुफ अली है, जिनकी पैदाइश केरल के त्रिशुर की है। यूसुफ अली के दुनियाभर में लूलू हायपरमार्केट के चेन हैं और लूलू इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल भी है। लूलू एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ “मोती” होता है।