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नीतीश कुमार देंगे इस्तीफा, शाम 4 बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात

बिहार में लंबी खींचतान के बाद सियासी अटकलों पर फुलस्टॉप लग गया है। न सिर्फ बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टूट गया है, बल्कि नीतीश कुमार के सीएम पद से इस्तीफा पर भी मुहर लग गई। इसके साथ ही सूबे में नई सरकार के गठन को लेकर भी फैसला हो चुका है।

बिहार की राजनीति के लिए मंगलवार का दिन अहम हो सकता है। सियासी हलचल के बीच जदयू-राजद-कांग्रेस ने विधायकों की बैठक बुलायी है। प्रदेश की राजनीतिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल से समय मांगा है। राजभवन से समय मिल गया है। सूत्रों के हवाले राजद और जदयू नई सरकार बनाने जा रही है।

बिहार में बैठकों का दौर जारी

बिहार में एक तरफ जदयू तो दूसरी तरफ राजद के विधायकों और सांसदों का बैठक चल रहा है। हालांकि माना जा रहा है कि यह सिर्फ प्रक्रियामात्र है, जदयू और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। भाजपा ने अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को मीडिया के सामने कोई बयान से बचने को कहा है। वहीं कांग्रेस और लेफ्ट ने तेजस्वी यादव को अपना समर्थन पत्र सौंप दिया है। कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने खुल कर नीतीश कुमार का महागठबंधन में स्वागत किया है।

भाजपा के साथ गठबंधन खत्म करेगी जदयू

बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन टूट गया है। सीएम आवास पर चल रही जेडीयू की बैठक खत्म हो गयी है। बैठक में भाजपा के साथ गठबंधन खत्म करने का फैसला हुआ है। बैठक से पूर्व ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलने का समय मांगा था।

राजद सबसे बड़ी राजनीतिक दल

बिहार में 79 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी राजनीतिक दल है। वहीं भाजपा के पास 77 और जदयू के पास 45 विधायकों की संख्या है। वहीं कांग्रेस के पास 19 और लेफ्ट दलों के 16 विधायक हैं। बिहार में कुल विधानसभा सीट 243 है। बहुमत के लिए 122 सीट होना जरूरी है। अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते है तो 150 से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी। बता दें, पिछले दिनों ही एआईएमआईएम के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। जिसके बाद राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी। इससे पहले भाजपा बिहार की बड़ी राजनीतिक दल थी।