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Raksha Bandhan: राखी बांधने की सही विधि, मंत्र नोट कर लें

रक्षाबंधन के इस पवित्र त्‍योहार पर धागे का वो अटूट बंधन आप दोनों को ताउम्र जोड़े रखता है। जिस बहन का कोई भाई नहीं होता, उसे इस दिन भाई होने के एहसास सबसे अधिक होता है और जिस भाई की कलाई इस दिन सूनी रहती है, वो अंदर से बहन के प्यार के लिए तरसता है।

भाई-बहन के इस अटूट प्यार वाले पवित्र त्‍योहार का एक पारंपरिक तरीका है। आपको बताएंगे पारंपरिक तरीके से राखी बांधने की पूरी विधि।

इस दिशा में बैठकर बंधवाएं राखी

भाइयों के हाथों में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधते समय भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए व पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर पीठ करनी चाहिए।

इसके अलावा राखी बांधते समय सिर में कोई ना कोई कपड़ा जरूर रखें।

खाली सिर से राखी मत बंधवाएं। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। सिर में कोई भी साफ कपड़ा व रुमाल रखकर ही तिलक, आरती करें व हाथों में रक्षा सूत्र बांधवाएं।

राखी बांधने के लिए इस मंत्र का करें जाप

येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् ।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते ॥

भाई को तिलक लगाते समय यह मंत्र पढ़ें

ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥