इलेक्ट्रिक व्हीकल मालिकों को सरकार की एक और सौगात! गडकरी ने किया यह बड़ा ऐलान
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में अशोक लीलैंड की इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस स्विच ईआईवी 22 का शुभारंभ किया।
इस इलेक्ट्रिक बस का शुभारम्भ करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “लंबी अवधि के दृष्टिकोण से देश की परिवहन प्रणाली को बदलने की आवश्यकता है। शहरी परिवहन में सुधार पर ध्यान देने के साथ हम कम कार्बन उत्सर्जन और उच्च यात्री क्षमता के साथ एकीकृत इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन प्रणाली लाने का प्रयास कर रहे हैं। हरित परिवहन समाधान की बढ़ती उपभोक्ता मांग को देखते हुए सरकार के विजन और नीतियों का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा से ज्यादा अपनाने को प्रोत्साहित करना है।”
अशोक लीलैंड कंपनी की स्विच ईआईवी 22 देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस है जिसे भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। कंपनी ने बताया कि स्विच ईआईवी 22 नवीनतम तकनीक, अत्याधुनिक डिजाइन, सर्वोच्च सुरक्षा और इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ आराम सुविधाओं से लैस है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए अपना विज़न साझा करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री ने बताया कि, “मेरी योजना मुंबई के नरीमन पॉइंट को दिल्ली से जोड़ने की है। इससे संबंधित 70 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है।” उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनियों का आह्वान करते हुए कहा, “आइए हम ऐसी लग्जरी इलेक्ट्रिक बसों की योजना बनाएं जो सिर्फ 12 घंटों में मुंबई से दिल्ली की यात्रा पूरी करा सके।”
गडकरी ने कहा कि डीजल जैसे अन्य ईंधन की तुलना में ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में बिजली का इस्तेमाल अत्यधिक किफायती है। उन्होंने कहा कि, “कच्चे तेल का आयात सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। सौर ऊर्जा के उपयोग ने बिजली की लागत को काफी हद तक कम कर दिया है।”
वैकल्पिक ईंधन के रूप में बिजली की वकालत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 35 फीसदी प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है। इस संदर्भ में, केंद्रीय मंत्री ने आयात-प्रतिस्थापन, किफायती, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी उत्पादों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, “यह भारत के लिए ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बिजली, इथेनॉल, मिथेनॉल, बायो-डीजल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन का उपयोग शुरू करने का समय है।”
गडकरी ने ऑटो उद्योग के लिए अपनी योजनाओं को साझा करते हुए कहा, “मेरा सपना ऑटोमोबाइल उद्योग को 7.5 लाख करोड़ रुपये के मौजूदा आकार को वर्ष 2024 के अंत तक 15 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का है।” उन्होंने कहा कि यह एक प्राप्त करने योग्य लक्ष्य है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार सृजन की अधिकतम क्षमता है और यह केंद्र और राज्य सरकारों को अधिकतम कर देता है।