भारत और अमेरिका दोनों ही आर्थिक संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाना चाहते हैं: पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका दोनों की आर्थिक संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम करने की इच्छा की पुष्टि की। श्री गोयल लॉस एंजिल्स में अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
गोयल ने इस बात की पुष्टि की कि भारत सरकार और अमेरिका सरकार दोनों ही आर्थिक संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की इच्छा रखती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के लोगों के साथ मजबूत संबंधों से व्यापार और सरकार के संबंधों को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत में हो रही विकास गाथा का उल्लेख करते हुए श्री गोयल ने कहा कि इस वर्ष दो एफटीए को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है और यह उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक कम से कम दो और एफटीए का समापन कर दिया जाएगा।
गोयल ने यह दोहराते हुए कहा कि भारत दुनिया भर के देशों के साथ अपने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का विस्तार कर रहा है और अमेरिका जैसे देशों में रहने वाले, काम करने वाले और लाभान्वित होने वाले हमारे भारतीय प्रवासी अंतरराष्ट्रीय संबंधों के महत्व को समझते हैं।
गोयल ने कहा कि पूरे विश्व में 30 मिलियन से अधिक भारतीय प्रवासी अमेरिका और यूरोप जैसे मित्र देशों के साथ काम कर रहे हैं जो इतिहास के क्रम में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि कि भारत अगले 25-30 वर्षों में 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से उस अवसर का लाभ उठाने के लिए कहा जो भारत की विकास गाथा द्वारा पेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन उपयुक्त रूप से युवा भारत की बढ़ती हुई आकांक्षाओं को दर्शाता है और दुनिया को आने वाले कल का भारत दिखाता है। यह एक ऐसा भारत है जो कर्तव्य के मार्ग पर चलने वाला है और जीवन में बड़ी चीजों की आकांक्षा रखता है।
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों में, जब हम अपने स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे, तब के एक विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया है, जिसकी नींव और संरचना रखी जा चुकी है।
उन्होंने सभी से अमृत काल का हिस्सा बनने का आग्रह किया और कहा कि यह भारत की एक समृद्ध राष्ट्र की दिशा में एक यात्रा है। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि हम उनके और 130 करोड़ भारतीयों के प्रयासों के साथ, दुनिया के सामने एक ऐसे नए भारत का प्रदर्शन करेंगे जो कर्तव्य पथ का अनुसरण करते हुए बड़े लक्ष्यों के लिए नई आकांक्षाओं को दर्शाता है।