केन्द्र ने रोजाना नए मामलों में बढ़ोतरी वाले राज्यों को पत्र लिखा
भारत में पिछले कुछ दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आज भारत में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,45,634 के स्तर पर बनी हुई है। यह अब भारत के कुल पॉजिटिव मामलों का 1.32 प्रतिशत है।
भारत के 74 प्रतिशत से ज्यादा सक्रिय मामले केरल और महाराष्ट्र में हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी रोजाना मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पंजाब और जम्मू व कश्मीर में भी प्रति दिन नए मामले बढ़ रहे हैं।
केरल में पिछले चार हफ्तों में, औसत साप्ताहिक मामले 42,000 के उच्चतम और 34,800 के निचले स्तर के बीच रहे हैं। इसी प्रकार, केरल में पिछले चार हफ्तों के दौरान, सप्ताहिक पॉजिटिव दर 13.9 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच रही है। केरल में, अलपुझा जिला एक विशेष चिंता की वजह बना हुआ है, जहां साप्ताहिक पॉजिटिव दर बढ़कर 10.7 प्रतिशत हो गई है और साप्ताहिक मामले बढ़कर 2,833 हो गए हैं।
महाराष्ट्र में, पिछले चार हफ्तों में, साप्ताहिक मामलों में तेजी का रुझान बना हुआ है और यह 18,200 से बढ़कर 21,300 के स्तर पर पहुंच गए हैं; वहीं साप्ताहिक पॉजिटिव दर 4.7 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है। मुंबई के उपनगरीय इलाके विशेष चिंता की वजह बने हुए हैं, जहां साप्ताहिक मामले 19 प्रतिशत तक बढ़ गए। नागरपुर, अमरावती, नासिक, अकोला और यवतमाल में साप्ताहिक मामले क्रमशः 33 प्रतिशत, 47 प्रतिशत, 23 प्रतिशत, 55 प्रतिशत और 48 प्रतिशत तक बढ़ गए।
पंजाब में कोविड 19 के संक्रमण के प्रसार पर गौर करें तो यह तेजी से गंभीर स्थिति में पहुंच रहा है। राज्य में, पिछले चार हफ्तों के दौरान, साप्ताहिक पॉजिटिव दर 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 1.6 प्रतिशत हो गई है, वहीं बीते चार हफ्तों में साप्ताहिक मामलों की संख्या 1,300 से बढ़कर 1,682 हो गई है। सिर्फ एक जिले एसबीएस नगर में ही, साप्ताहिक पॉजिटिव दर 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गई और साप्ताहिक मामले दोगुने से ज्यादा बढ़कर 165 से 364 हो गए।
5 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में साप्ताहिक पॉजिटिव दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। राष्ट्रीय औसत 1.79 प्रतिशत है। वहीं महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 8.10 प्रतिशत की साप्ताहिक पॉजिटिव दर है।
केन्द्र ने सभी राज्यों को पांच मुख्य क्षेत्रों पर काम करने की सलाह दी है। वे इस प्रकार हैं :
अनुपातिक रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षण में बढ़ोतरी पर जोर के साथ परीक्षणों की कुल संख्या में सुधार किया जाए।
सभी निगेटिव रैपिड एंटीजन टेस्ट परिणामों के बाद अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच कराई जाए और इस तरह का कोई भी निगेटिव व्यक्ति बचा न रह जाए।
सख्त और समग्र निगरानी के साथ ही चिह्नित जिलों में सख्त रोकथाम पर फिर से जोर दिया जाए।
जांच के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम म्यूटैंट स्ट्रेंस की नियमित निगरानी के साथ ही मामलों के उभरते हुए क्लस्टर्स की निगरानी की जाए।
मृत्यु के ज्यादा मामलों वाले जिलों में नैदानिक प्रबंधन पर जोर दिया जाए।
कोविड टीकाकरण के मोर्चे पर, भारत का कुल टीकाकरण 1.10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
आज सुबह 8 बजे तक मिली प्रोविजन रिपोर्ट के मुताबिक, 18 फरवरी, 2021 को सुबह 8.00 बजे तक 2,30,888 सत्रों के माध्यम से टीकों की कुल 1,10,85,173 खुराक दी जा चुकी हैं। इसमें 63,91,544 एचसीडब्ल्यू (पहली खुराक), 9,60,642 एचसीडब्ल्यू (दूसरी खुराक) और 37,32,987 एफएलडब्ल्यू (पहली खुराक) शामिल हैं।
उन लाभार्थियों के लिए 13 फरवरी, 2021 से कोविड-19 टीकाकरण की दूसरी खुराक देना शुरू कर दिया गया, जिन्हें पहली खुराक मिले हुए 28 दिन बीत चुके हैं। एफएलडब्ल्यू का टीकाकरण 2 फरवरी, 2021 को शुरू हो गया था।