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सतत वित्त पर विशेषज्ञ समिति ने आईएफएससी को रिपोर्ट सौंपी

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा गठित ‘सतत वित्त पर विशेषज्ञ समिति’ ने 03 अक्टूबर, 2022 को आईएफएससीए के अध्यक्ष को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है।

समिति की अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व सचिव सी.के. मिश्रा ने की।

जिन मुख्य क्षेत्रों पर समिति को विचार करने के निर्देश दिए गए थे, उनमें शामिल हैं – आईएफएससी नियमों को अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ तालमेल बिठाना, आईएफएससी के माध्यम से पूंजी प्रवाह को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना और हरित व सतत वित्त के क्षेत्र में अभिनव वित्तीय उत्पादों के विकास का समर्थन करना। समिति ने उत्पादों, नीतियों और विनियमों, क्षमता निर्माण और हरित तथा सतत वित्त से संबंधित आउटरीच पहल समेत सतत वित्त के विभिन्न पहलुओं पर अपनी सिफारिशें दी हैं।

कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशों में स्वैच्छिक कार्बन मार्केट विकसित करना, परिवर्तनशील बांड के लिए फ्रेमवर्क, जोखिम-मुक्त व्यवस्था को सक्षम करना, ग्रीन फिनटेक के लिए नियामक सैंडबॉक्स को बढ़ावा देना और वैश्विक जलवायु गठबंधन के निर्माण को सुविधाजनक बनाना आदि शामिल हैं। देश के आर्थिक विकास में एमएसएमई क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, समिति ने सतत ऋण सुविधा देने के लिए एक समर्पित एमएसएमई प्लेटफार्म स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है।

समिति ने आपदा बांड, नगरपालिका बांड, हरित प्रतिभूतिकरण, मिश्रित वित्त जैसे नवीन उपकरणों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने आदि की सिफारिश की है। आईएफएससी में पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, समिति ने आईएफएससी में एकत्रीकरण सुविधाओं, प्रभाव निधि, ग्रीन इक्विटी आदि को सक्षम करने की आवश्यकता आदि की अनुशंसा की है।

उपरोक्त के अलावा, समिति ने आईएफएससीए को क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की सिफारिश की है, जो वित्तीय प्रणाली को हरित बनाने की आधारशिला रखता है।