कलयुग के श्रवण कुमार: 12 साल में उगने वाले नीलकुरिंजी फूल देखना चाहती थी मां, देखे बेटे ने क्या किया
केरल निवासी 87-वर्षीय महिला ऐलीकुट्टी पॉल नीलकुरिंजी फूल देखना चाहती थी और उसके दोनों बेटों (रोजन, सत्यन) को जब पता चला तो उन्होंने यह इच्छा पूरी की।
एलकुट्टी के बेटे- रोजन और सत्यन ने मां के सपने को पूरा करने का सोचा। वे 100 Km जीप से सफ़र करके मुन्नार के पास स्थित कल्लीपारा हिल्स तक पहुंचे। गंतव्य तक पहुंचकर उन्हें पता चला कि ऊपर तक जाने की कोई सड़क नहीं है।
बेटे अपनी मां का सपना तोड़ना नहीं चाहते थे। उन्होंने अपनी मां को उठाकर लगभग 1.5 Km की चढ़ाई की। इस तरह बेटों ने मां को दुर्लभ फूल दिखाए।
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नीलकुरिंजी फूल जिसे कुरिंजी फूल भी कहा जाता है, केरल के इडुक्की में 12 साल बाद खिले हैं। नीलकुरिंजी एक दुर्लभ बैंगनी-नीले रंग का फूल है। मलयालम में “नीला” का अर्थ है “नीला” और कुरिंजी का अर्थ फूलों से है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत में नीलकुरिंजी की 40 से अधिक विभिन्न किस्में हैं, और ये फूल पश्चिमी घाट के शोला वन के लिए स्थानीय हैं।
पश्चिमी घाट में लगभग 30 स्थान हैं जहां ये खिलते हैं। जिस स्थान पर इस साल फूल खिले थे, वहां 12 साल पहले फूल खिले थे।