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अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) -2023 बाजरा को वैश्विक स्तर पर पौष्टिक अनाज के रूप में स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा: तोमर

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम)-2023 बाजरा के वैश्विक उत्पादन को बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और फसल चक्रण का बेहतर उपयोग करने तथा खाद्य बास्केट के एक प्रमुख घटक के रूप में बाजरे को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा।

तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया गया है।

तोमर ने कृषि और किसान कल्याण विभाग और विदेश मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आईवाईओएम-2023 के प्री-लॉन्च उत्सव के लिए आयोजित लंचॉन के दौरान दिल्ली में उच्चायुक्तों/राजदूतों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य इसके माध्यम से बाजरे की घरेलू और वैश्विक खपत को बढ़ावा देना है।

तोमर ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारक संगठनों के सहयोग से बाजरे का उत्पादन और खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “अब समय आ चुका है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली अपना घ्यान बुनियादी कैलोरी से हटाकर वितरण कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक विविध खाद्य बास्केट प्रदान करे, जिसमें प्री-स्कूल के बच्चों और गर्भधारण की आयु वाली महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार के लिए बाजरा शामिल हो।”

बाजरे के पोषण मूल्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने अप्रैल-2018 में बाजरे को पौष्टिक अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और बाजरे को पोषण अभियान के अंतर्गत भी शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएमएस) के अंतर्गत 14 राज्यों के 212 जिलों में बाजरे के लिए पौष्टिक अनाज घटक लागू किया जा रहा है। इसके अलावा राज्यों की ओर से किसानों को अनेक प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है।

तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय द्वारा दीर्घकालिक उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता उत्पन्न करने, बाजार और मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों को वित्त पोषित भी किया जा रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 66 से ज्यादा स्टार्टअप को 6.25 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि प्रदान की गई है, जबकि 25 स्टार्टअप को आगे वित्तपोषित करने के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार बाजरे की खपत को बढ़ावा देने के लिए व्यंजनों और मूल्य-वर्धित उत्पादों में लगे स्टार्टअप उद्यमियों को सहायता प्रदान कर रही है।

भारत में 500 से ज्यादा स्टार्टअप बाजरे के मूल्य-वर्धित श्रृंखला में काम कर रहे हैं जबकि भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार के अंतर्गत 250 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया है।

तोमर ने कहा कि नीति आयोग और विश्व खाद्य कार्यक्रम का उद्देश्य चुनौतियों की पहचान और उनका समाधान व्यवस्थित और प्रभावी रूप से करना है। उन्होंने कहा कि “यह साझेदारी बाजरा को मुख्यधारा में लाने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में प्राप्त अवसरों का उपयोग करते हुए ज्ञान का आदान-प्रदान करने में भारत को वैश्विक रूप से अग्रणी भूमिका निभाने में सहायता करेगी।”