केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कर्नाटक के देवनहल्ली में Central Detective Training Institute (CDTI) की आधारशिला रखी और ITBP के आवासीय और प्रशासनिक परिसरों का उद्घाटन किया
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज कर्नाटक के देवनहल्ली में Central Detective Training Institute (CDTI) की आधारशिला रखी और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के आवासीय और प्रशासनिक परिसरों का उद्घाटन किया। अमित शाह ने ITBP के जिन परिसरों का उद्घाटन किया उनमें आवासीय क्वार्टर, संयुक्त भवन, 120 जवानों के लिए बैरक, स्टाफ ऑफिसर मेस और ऑफिसर्स मेस शामिल हैं। इस मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केन्द्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज यहां केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान (CDTI) का शिलान्यास और पुलिस बलों के कार्य करने की सुविधाओं को अधिक सुगम बनाने की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ने की शुरुआत की गयी है। शाह ने बीपीआरएंडडी(BPR&D) से जुड़े हुए इस संस्थान के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को धन्यवाद दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीपीआरएंडडी देश के पुलिस संस्थानों को बल देने वाली संस्था है लेकिन पहले इसके काम को उचित महत्व नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि समय के साथ समाज की सोच, उसका स्वरूप, लक्ष्य और रास्ता निरंतर बदलता रहता है और जब पुलिस इस बदलाव के अनुरूप नहीं चलती है तो धीरे-धीरे वह अप्रासंगिक हो जाती है। शाह ने कहा कि पुलिस को समाज में आने वाले निरंतर बदलावों के अनुरूप ढ़ालने के लिए अनुसंधान अत्यन्त महत्वपूर्ण है और पूरे देश की पुलिस व केंद्रीय सशस्त्र बलों के लिए इस अनुसंधान की जिम्मेदारी BPR&D की है।
अमित शाह ने कहा कि पुलिस में प्रणालीगत सुधार की प्रक्रिया सतत रूप से चलती रहनी चाहिए, जिसके लिए संस्थानों के बीच सहयोग, संगोष्ठियों और बेस्ट प्रैक्टिसेस व चैलेंजेस के एक्सचेंज से सभी पुलिस बलों को परिपूर्ण बनाना बहुत जरूरी है। शाह ने कहा कि भारत जैसे देश में यह बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे देश में लॉ एंड ऑर्डर को राज्य का विषय बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधताओं से भरपूर भारत जैसे विशाल देश में अपराधिक गतिविधियों में विविधताओं और अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां के बीच पुलिस को राज्य का विषय बनाना बहुत उपयुक्त निर्णय है। लेकिन कालांतर में समग्र देश की पुलिस के सामने नारकोटिक्स,जाली नोट, हवाला कारोबार,उन्माद फैलाने वाले संगठन, आतंकवाद, सरहदी राज्यों में घुसपैठ, कोस्टल स्टेट्स में समुद्र से जुड़ी समस्याओं जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियां भी आई हैं और इनसे निपटने के लिए विभिन्न बलों में सामंजस्य बैठाने के लिए BPR&D के माध्यम से संवाद,संगोष्ठी एवं सहयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह एक सतत् रुप से चलने वाली प्रक्रिया है जिसकी गति बढ़ाने का समय आ गया है क्योंकि इसके अभाव में हम समूचे देश को कानून और व्यवस्था की चुनौती उठाने के लिए तैयार नहीं कर सकते।
गृह मंत्री ने कहा कि देश को महानगरीय क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा क्योंकि महानगरों की पुलिसिंग आने वाले दिनों में चैलेंज बनने वाली है जिस पर रिसर्च कर उसके नतीजों के साथ अभ्यास कर रणनीति बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीडीटीआई का यह सेंटर सीएपीएफ के साथ-साथ आस-पास के राज्यों की पुलिस को भी इन सभी उद्देश्यों की पूर्ति में मदद करेगा। शाह ने कहा कि कोलकाता, हैदराबाद, गाजियाबाद और राजस्थान मे बने सेंटरस् ने इस क्षेत्र में बहुत अच्छा योगदान दिया है और आने वाले दिनों में भारत सरकार इन सभी केंद्रों के बीच बीपीआरएंडडी के माध्यम से समन्वय और समानता लाने का काम करेगी।
अमित शाह ने कहा कि सीडीटीआई का यह सेंटर कर्नाटक के पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, गोवा और दमन-दीव को फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में मदद देने का काम भी करेगा। उन्होंने कहा कि भारत की विकास की यात्रा में अच्छी कानून-व्यवस्था होना बहुत जरूरी है, मोदी सरकार में BPR&D के तत्वधान में इसके लिए बहुत अच्छे तरीक़े से रिसर्च और अनुसंधान हो इसको लेकर सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं जिसके परिणाम दिखाई भी देने लगे हैं। शाह ने कहा कि बीपीआरएंडडी के चार्टर के अंतर्गत भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जोड़े गए नए क्षेत्रों पर नया वर्टिकल बनाने का काम भी BPR&D ने शुरू किया है और उसके तत्वावधान में मॉडस ऑपरेंडी ब्यूरो भी चल रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सुरक्षा बलों के सभी बलों के कर्मियों को उच्चतम टेक्नोलॉजी से लेस करने, Housing Satisfaction Ratio बढ़ाने और उनकी व उनके परिवार की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने काम किया गया है और इसी क्रम में आज आईटीबीपी के विभिन्न आवासीय भवनों का उद्घाटन और शिलान्यास हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सीएपीएफ के निवास, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉकस्, सरहद पर तैनात बैरक्स में रहकर रक्षा करने वाले जवानों की सुविधा के लिए बहुत काम किया गया है जो आगे भी जारी रहेगा।
अमित शाह ने कहा कि आईटीबीपी सभी सीएपीएफ में सबसे दुर्गम क्षेत्र में काम करने वाला सुरक्षा बल है।उन्होंने कहा कि हम कल्पना ही नहीं कर सकते कि -42 डिग्री तापमान में देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए कितना मनोबल और उत्कृष्ट देशभक्ति की भावना चाहिए होती है।गृह मंत्री ने कहा कि हमें ITBP के जवानों के समर्पण पर गर्व है और विश्वास है कि जब तक सीमा पर ITBP के जवान तैनात हैं तब तक हमारी सीमाएँ पूर्णतः सुरक्षित हैं। गृह मंत्री ने कहा कि आईटीबीपी ने अपने स्थापना काल से विषम भौगोलिक परिस्थितियों, विषम वातावरण और कठिन से कठिन क्षेत्र के अंदर बहुत अच्छा काम किया है, वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में भी आइटीबीपी की बहुत अच्छी भूमिका रही है। इसलिए चाहे अरुणाचल हो, कश्मीर हो या फिर लद्दाख हर जगह देश की जनता ने ITBP के जवानों की वीरता और शौर्य के कारण उन्हें ‘हिमवीर’ का उपनाम दिया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हम बीपीआरएंडडी के माध्यम से समस्या की पहचान,उस पर रिसर्च पेपर के सुझावों का विश्लेषण और उसके आधार पर नीति परिवर्तन कर नीति का क्रियान्वयन और इसका रिव्यु करने की पूरी चैन को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमें इससे बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है और CDTI इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बहुत काम करेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सीएपीएफ के लिए ई-आवास पोर्टल बनाया है जिसके कारण हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेशियो में लगभग 9% बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में 31000 आवासों का निर्माण किया गया है और 17 हजार से ज्यादा आवास निर्माणाधीन हैं जबकि 15000 से ज्यादा आवास प्रक्रियागत आगामी बजट में अप्रूव किए जाएंगे जिससे हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेशियो 60% से अधिक हो जाएगा जोकि बहुत संतुष्टि का विषय है।
अमित शाह ने कहा कि हमारे जवानों और उनके परिवारजनों की स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने के लिए आयुष्मान सीएपीएफ योजना के अंतर्गत लगभग 35 लाख कार्ड वितरित किए गए हैं। अब किसी को डॉक्यूमेंट के लिए किसी अप्रूवल की जरूरत नहीं है, सिर्फ कार्ड स्वाइप करने मात्र से इलाज हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिक अस्पतालों के जुड़ने के कारण लगभग एक साल से कम के अंतराल में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की स्वास्थ्य सेवाएं सीएपीएफ के जवानों और उनके परिवारजनों ने प्राप्त की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जवानों को सरहद पर से कम से कम 100 दिन तक अपने परिवार के साथ हेडक्वार्टर पर रहने का मौका मिले, इस प्रकार का ड्यूटी रोस्टर भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सीएपीएफ के कर्मचारियों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित और सजग है।