सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए जारी हुई नई गाइडलाइंस
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने ओटीटी पर रिलीज हुई मिर्जापुर वेब सीरीज पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि मिर्जापुर वेब सीरीज में उनकी लोक सभा क्षेत्र को हिंसक बताया गया और इसी के साथ मिर्जापुर क्षेत्र को बदनाम किया जा रहा है।
इसी के साथ हमें सोशल मीडिया तथा ओटीटी जैसे प्लेटफार्म पर बहुत ही सतर्क रहना होगा। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया पर लगाम के लिए बनाई गई कुछ गाइडलाइंस और उसके बाद में उस से बनने वाले कानूनों से बेलगाम होती हुई सोशल मीडिया पर बहुत हद तक अंकुश लगेगा।
“हर हाथ में मोबाइल हर आदमी पत्रकार” जैसे लगने वाले नारो पर भी सोशल मीडिया के बनाए गए नए कानूनों से लगाम लगेगा। क्योंकि ऐसे लोग ही ज़ादातार समाज का माहौल खराब करते हैं।
इसी के साथ आपको बता दें कि आईटी विशेषज्ञ दीनबंधु वर्मा कहते हैं कि हर आदमी के हाथ में अपना खुद का मोबाइल होता है और हर आदमी अपने को पत्रकार समझता है। लोगों के मन में जो आता है जैसा आता है वह पूरा कंटेंट लिख कर दूसरों को शेयर कर देते हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मीडिया को कंट्रोल करने के लिए बनने वाले नए कानून से हर आदमी जो अपने मन की सही गलत जानकारी शेयर करता है उन पर सिर्फ लगाम नहीं लगेगी बल्कि उन लोगों में डर बनेगा जो माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया ओटीटी प्लेटफॉर्म का सहारा लेते हैं।
इसी के साथ दीनबंधु वर्मा कहते हैं कि सोशल मीडिया को संचालित करने वालों तथा माइक्रो ब्लॉगिंग कंपनियां भी मनमानियां करती है उन पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। इसी के साथ सोशल मीडिया कंपनियां अपनी मनमर्जी से बहुत कुछ प्राइवेसी के तहत छिपा लिया करती थी। मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
इसी के साथ आपको बता दें कि एक वरिष्ठ दिल्ली पुलिस अधिकारी का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया को कंट्रोल करने के लिए बनाई गई नई गाइडलाइंस का सही तरीके और कड़ाई से पालन करने पर बहुत हद तक बेमतलब पैदा होने वाले समाचार या तनाव पर भी लगाम लग सकेगी।
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि पिछले डेढ़ साल में अगर हम गौर करें कि दिल्ली में जितनी भी अफवाह फैली है और उससे दंगे पैदा हुए हैं तो यह सोशल मीडिया और मोबाइल फोंस के जरिए ही हुआ है। जिनसे दिल्ली का माहौल भी खराब हुआ।
जैसा कि आप सभी जानते हैं दिल्ली दंगे से लेकर जेएनयू का विवाद हो या सीएए और एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन का मामला हो सोशल मीडिया ने हर जगह माहौल खराब किया।
इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले लोगों से ज्यादा तो सोशल मीडिया संचालित करने वाली कंपनियां और ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ न्यूज़ वेब पोर्टल पर यह गाइडलाइंस लागू होंगी।
पूरे भारत में अब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सूचना फैलाने वाले कितने आधिकारिक न्यूज़ पोर्टल है इसकी जानकारी ही नहीं है। इसका नतीजा यह है कि किसी भी सूचना को प्लेटफार्म या मैसेजेस के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाता है और लोग या तो उसको सच मान लेते हैं या माहौल खराब करने के लिए उस समाचार को या सूचना को दूसरे लोगों तक पहुंचा देते हैं।
बीजेपी के सांसद और दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी जी ने कहा कि इस गाइडलाइन और फिर उसके बनने वाले कानूनों से बहुत लाभ होगा। माहौल खराब करने के लिए तैयार किए गए सूचना या कंटेंट को आखिर सबसे पहले किसने बनाया यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी के साथ अब से सोशल मीडिया संचालित करने वाली कंपनियां यह करने के लिए बातें हो जाएंगी और देश में ऐसे बेमतलब या फेक कंटेंट से माहौल खराब करने वाली घटनाओं और उसके नतीजों से हम पूरी तरह सचेत हो जाएंगे।
Written by Kanchan Goyal