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कोयला/लिग्नाइट पीएसयू द्वारा खान पर्यटन को बढ़ावा

प्रकृति, समाज, वन और वन्य जीवन के साथ तालमेल बिठाने के अपने प्रयास के तहत, कोयला मंत्रालय, कोयले का भंडार समाप्त होने के बाद, उपयुक्त खान क्षेत्रों को इको-पार्क, जल-क्रीड़ा स्थल, भूमिगत खान पर्यटन, गोल्फ मैदान, साहसिक खेल, पक्षियों को देखने के स्थल आदि के रूप में विकसित कर रहा है। इन स्थलों में मनोरंजन, राजस्व सृजन और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं।

सिंगरौली में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा विकसित मुदवानी डैम इको-पार्क और डोला में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा विकसित अनन्या वाटिका इको-रिस्टोरेशन पार्क-सह-खदान-झील, दोनों ही इस तरह की पहल के अद्वितीय उदाहरण हैं। ये दोनों स्थल मध्य प्रदेश राज्य में स्थित हैं।

सिंगरौली में मुदवानी बांध इको-पार्क, 84,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और वृक्षारोपण अभियान 2021 के दौरान इसका उद्घाटन किया गया था। यह प्राकृतिक सुंदरता के साथ एक शांतिपूर्ण जगह है, फिर भी शहर की हलचल से दूर नहीं है। जयंत क्षेत्र में स्थित मुदवानी डैम इको-पार्क को सुंदर वाटर फ्रंट, टहलने का मार्ग, बाल-क्रीड़ा क्षेत्र, रेस्तरां और स्थानीय उत्पादों की दुकानों के साथ विकसित किया गया है, जो इस इको-पार्क का हिस्सा होंगे। पार्क में आराम से झील देखने के लिए एक समर्पित बैठने की जगह विकसित की गई है। शानदार मुदवानी डैम इको-पार्क में सालाना औसतन 25,000 लोग आते हैं। यह परिवेश के वायु के शुद्धिकरण और शोधन, मिट्टी के कटाव को रोकने और पारिस्थितिक विकास में मदद करता है।

मध्य प्रदेश के डोला स्थित हसेदो क्षेत्र की राजनगर ओपनकास्ट परियोजना के सेक्टर “डी” ओबी डंप को, सुधार के बाद “अनन्या वाटिका” इको-रेस्टोरेशन पार्क सह खदान-झील के रूप में विकसित किया गया है। 50 एकड़ के क्षेत्र में एक गड्ढा-झील/जल निकाय है और 6 एकड़ के क्षेत्र में एक बगीचा है। यह ओपन कास्ट खान परियोजना के लिए फिर से जमीन प्राप्त करने और सतत विकास के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है। पार्क में विभिन्न प्रकार के फल देने वाले/सजावटी/हर्बल पौधे हैं, जिनमें आम, उड्हुल, सजावटी पाम, स्वीट लाइम, अनार, नाशपाती, आंवला, जामुन, बेर, बांस और अन्य हर्बल पौधे शामिल हैं।

इको पार्क ने फलती-फूलती वनस्पतियों के साथ क्षेत्र की पारिस्थितिक बहाली, भूमि के जैविक सुधार और मिट्टी-स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है तथा क्रेन जैसे विदेशी पक्षियों को आकर्षित किया है।