NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोर्ट ब्लेयर में अंडमान एवं निकोबार कमान की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 5 जनवरी, 2023 को पोर्ट ब्लेयर में देश के एकमात्र ऑपरेशनल जॉइंट सर्विसेज कमांड के मुख्यालय पर अंडमान एवं निकोबार कमांड की अभियानगत तैयारियों और सैन्य क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की समीक्षा की। अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ (सीआईएनसीएएन) लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने रक्षा मंत्री को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की भू-रणनीतिक क्षमता और इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ाने और सैन्य अभियानों में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी।

अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ ने रक्षा मंत्री को इस कमान की उपलब्धियों, भविष्य की योजना और चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को आगे बढ़ाने और देश के समुद्री पड़ोसियों के साथ ‘ब्रिज ऑफ फ्रेंडशिप’ का निर्माण करके क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास (सागर) के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में अंडमान और निकोबार कमांड द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। राजनाथ सिंह ने एएनसी ज्वाइंट ऑपरेशंस सेंटर (जेओसी) का भी दौरा किया, जो निगरानी, सैन्य अभियानों के संचालन और रसद संबंधी सहायता के लिये एकीकृत योजना का प्रमुख केंद्र है।

अधिकारियों एवं जवानों के साथ बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने मानवतावादी सहायता और आपदा राहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अंडमान एवं निकोबार कमान की सराहना की। उन्होंने द्वीपों और विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने और 24×7 तैयार रहने के लिए उनकी बहादुरी और उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2001 में अपनी स्थापना के बाद से, अंडमान एवं निकोबार कमान ने अपनी सैन्य अभियानगत क्षमताओं में काफी वृद्धि की है, जो इसकी अदम्य भावना और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि सशस्त्र बलों का साहस और समर्पण देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगा। उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि जिस तरह वे देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उसी तरह सरकार भी उनके कल्याण के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार सशस्त्र बलों की दक्षता और ताकत बढ़ाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, हमने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। हमने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। हमारी सशस्त्र सेना जल्द ही दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक होगी। यह हमारा विजन भी है और हमारा मिशन भी।” रक्षा मंत्री ने उस बहादुरी और मुस्तैदी का भी विशेष उल्लेख किया जिसका प्रदर्शन करते हुए सशस्त्र बलों ने उत्तरी क्षेत्र में हाल की स्थितियों से निपटा।

इससे पहले रक्षा मंत्री ने क्वाड-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की और 29 दिसंबर, 1943 को नेताजी के ऐतिहासिक आगमन के स्थान संकल्प स्मारक का दौरा किया। संकल्प स्मारक में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना के सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। पोर्ट ब्लेयर में उनके आगमन पर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डीके जोशी (सेवानिवृत्त), सीआईएनसीएएन और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

जनवरी 2019 के बाद से रक्षा मंत्री की इंदिरा पॉइंट की यह पहली यात्रा है। इंडो-पैसिफिक से इन दूर-दराज के द्वीपों की निकटता को देखते हुए रणनीतिक संकेतों के अलावा, रक्षा मंत्री की अंडमान एवं निकोबार कमान की यात्रा ने इन दूरस्थ द्वीप पर तैनात सैनिकों को प्रेरित किया। उल्लेखनीय है कि अंडमान एवं निकोबार कमान 21 साल पुराना सफल इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड है, जिसकी योजना अब राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जा रही है।