केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज इंदौर में शुरू हुए प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया
मुख्य विशेषताएं:
सम्मेलन के 17वें संस्करण का विषय है- ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’
आप किसी भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप उनमें आत्मसात भारतीयता के भाव को अलग नहीं कर सकते: श्री अनुराग सिंह ठाकुर
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज इंदौर में 3 दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। सम्मेलन का पहला दिन आज युवा प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया गया जिसका विषय था: नवप्रवर्तन और प्रौद्योगिकी में प्रवासी युवाओं की भूमिका।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “युवा प्रवासी भारतीय दिवस का संबंध केवल अपनी जड़ों को खोजने से ही नहीं, बल्कि हमें भारतीय बनाने वाले हर उस विषय के संबंध में जानने से भी जुड़ा है। यह आपकी कहानी और बढ़ते भारत की गाथा के बारे में है। यह नई संभावनाओं को फिर से जोड़ने और पुनः परिकल्पना करने का क्षण है। यह यह परिवर्तन लाने, नए संबंधों की खोज करने और नए विचारों को विकसित करने का एक सशक्त नेटवर्क है।
अनुराग ठाकुर ने विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, “आज, मैं इसे व्यावहारिकता और विश्वास के भाव के साथ व्यक्त करता हूं कि भारत के साथ-साथ दुनिया भर में भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों के युवाओं ने प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, राजनीति, रचनात्मकता और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।”
अनुराग ठाकुर ने कहा, “चाहे भारत में हों या विदेश में दुनिया को साहसिक और उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने की दिशा में भारतीयों ने सदैव अपना सिर ऊंचा और हदय खुला रखा है और यह हमारी भी प्रतीक्षा कर रहा है। इसलिए, मैं आपको भारत में अपने विचारों को नवपरिवर्तन लाने, निवेश करने और नवीन आरंभ के लिए आमंत्रित करता हूं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “भारतीय प्रवासी समुदाय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए मानव, सामाजिक और वित्तीय मामले में उन्नत कौशल और पूंजी निर्माण के बहुस्तरीय लाभ लाता है। दूसरी ओर, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग ने अत्यधिक कुशल पेशेवरों की गतिशीलता और प्रवासी समुदाय को अपनी मातृभूमि से जुड़ने के लिए आवश्यक अवसर प्रदान करने के लिए एक सशक्त प्रेरणा भी दी है।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “17वां प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन- मित्रता, परामर्श और बंधुत्व के बंधन को और प्रगाढ़ करने का एक अवसर है, और यह संयोग तभी बनता है जब हम अपने प्रवासी भारतीयों के साथ सीधे संवाद करते हैं और उनसे सीखते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हमने प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रति अपने दृष्टिकोण और भाव को बदल दिया है और हमारा प्रवासी भारतीय समुदाय जिस सम्मान और प्रतिष्ठा का हकदार हैं, वह हमारी आधिकारिक यात्राओं के दौरान और उसके पश्चात उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए दिए जाने वाले महत्व से परिलक्षित होता है। आप हर बार विश्व के हर हिस्से में प्रधानमंत्री से प्रवासी भारतीयों की भेंट के दौरान उनकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया में इसे देख सकते हैं।’
प्रवासी युवाओं के लिए सरकार के विजन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए मोदी सरकार का विजन दुनिया भर में हमारे भारतीय समुदाय समकक्षों के बीच विचारों और पूंजी के निर्बाध दोतरफा प्रवाह को सुनिश्चित करना है। भारतीय स्टार्ट-अप्स एवं युवा प्रवासी भारतीय नवप्रवर्तक और उनके अधिवास वाले देशों में स्थित निवेशकों के बीच संबंधों को जोड़ने और उन्हें सुगम बनाने के हमारे प्रयास भी इन सशक्त विचारों के माध्यम से आपसी तालमेल को स्थापित कर रहे हैं। आप एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन आप उसमें आत्मसात भारतीयता के भाव को उससे हटा नहीं सकते। उनके हदय हमेशा भारत के स्वाद, संगीत की लय और भारत के लिए धड़कते हैं, प्रवासी युवा अपने माता-पिता की भूमि में पुनः योगदान देना चाहते हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा, “भारतीय मूल के लोगों ने अपनी योग्यता सिद्ध करने के लिए दृढ़ संकल्पों को प्रदर्शित किया है और पृथ्वी पर सबसे अधिक तनाव पैदा करने वाली समस्याओं में से कुछ का समाधान भी खोजा है। भारतीय मूल के कुछ प्रतिभाशाली चिंतकों ने दुनिया भर में टेक पॉवर-हाऊस की सफलता में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभाई है। भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और इसी तरह दुनिया भर में भारतीय मूल के राजनीतिक नेताओं की सूची अंतहीन है।
प्रवासी युवाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण पहलों की जानकारी देते हुए, मंत्री महोदय ने बताया कि हाल के वर्षों में, हमारे प्रवासी भारतीयों की ऊर्जा और विचारों का दोहन करने और उन्हें भारत की युवा जनसांख्यिकीय सफलता की गाथा से जोड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा कई नीतियों का शुभारंभ किया गया हैं। इन पहलों में प्रवासी भारतीय युवाओं को समकालीन भारत और इसकी जीवंत कला, विरासत और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के लिए- भारत को जानें कार्यक्रम केआईपी, छात्रवृत्ति कार्यक्रम जीआईएएन (अकादमिक नेटवर्क के लिए वैश्विक पहल), वज्र फैकल्टी योजना जिसका उद्देश्य भारत के अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र के साथ एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव लाना, मिशन शोध गंगा (नई पीढ़ी के त्वरण के लिए वैश्विक गठबंधन), प्रवासी बच्चों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम (एसपीडीसी) और भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) शामिल हैं।”