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राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने वीएलएसआई डिजाइन पर 36वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एंबेडेड सिस्टम पर 22वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास व उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप ‘भारत के टेकेड’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को फिर से आकार देने और उसमें विविधता लाने के लिए कई उपाय किए हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि आईटी क्षेत्र में हार्डवेयर और सर्वरों के लिए एक पीएलआई योजना जल्द ही शुरू की जाएगी। ये योजना उन निर्माताओं और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी जो अपने सिस्टम और उत्पादों में भारतीय डिजाइन वाले आईपी शामिल करेंगे।

राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर वीएलएसआई डिजाइन पर 36वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एंबेडेड सिस्टम पर 22वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए

चंद्रशेखर वर्चुअल रूप से हैदराबाद में एंबेडेड सिस्टम्स पर 22वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और वीएलएसआई डिजाइन पर 36वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के हिस्से के रूप में 2,000 से अधिक इंजीनियरों, छात्रों, संकाय सदस्यों, उद्योग विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नौकरशाहों और सरकारी निकायों के लोगों को संबोधित कर रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय वीएलएसआई डिजाइन और एंबेडेड सिस्टम्स का सम्मेलन दरअसल वीएलएसआई और एंबेडेड सिस्टम्स में नवीनतम प्रगति पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक प्रमुख वैश्विक सम्मेलन है।

राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर वीएलएसआई डिजाइन पर 36वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एंबेडेड सिस्टम पर 22वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए

वीएलएसआई डिजाइन और एंबेडेड सिस्टम के क्षेत्रों में अवसरों पर बात करते हुए मंत्री महोदय ने कहा, “2014 से पहले भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था सिर्फ चंद कंपनियों द्वारा संचालित तकनीकी सेवा उद्योग तक सीमित थी। हालांकि, 2022 में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के पूरे दायरे को कवर करते हुए डिजिटल और तकनीकी इकोसिस्टम को महत्वपूर्ण ढंग से पुनः तैयार किया गया और विविधता भरा बनाया गया। भारत का टेकेड सिर्फ इंटरनेट के भविष्य या उपभोक्ता प्रौद्योगिकी के बारे में नहीं है, बल्कि ये उतना ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स के बारे में भी है। दुनिया भर में बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते उत्पादों के साथ-साथ प्रतिभा की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है। आपूर्ति श्रंखलाओं को भी भरोसे और इनोवेशन के कॉन्सेप्ट के इर्द गिर्द फिर से डिजाइन किया जा रहा है, न कि कीमत और दक्षता की तर्ज पर जैसा कि पहले किया गया था। इन क्षेत्रों से जुड़े सभी पेशेवरों के लिए ये खासा उत्साहजनक समय है।”

भारत सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण और पैकेजिंग इकोसिस्टम में वैश्विक मानक क्षमताओं को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, इस बात को रेखांकित करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन कार्यक्रम के तहत ये कल्पना की गई है कि 2024 तक घरेलू स्टार्टअप वैश्विक बड़ी कंपनियों के साथ काम करेंगे और ऐसे आईपी व उपकरण विकसित करेंगे जो या तो उनके सह-स्वामित्व या स्वामित्व वाले हैं।