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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अपना 18वां स्थापना दिवस मना रहा है

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अपना 18वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर को पूरी तरह बच्चों को समर्पित करने के लिए आयोग ने बाल अधिकारों के बारे में बच्चों में जागरूकता फैलाने और इस प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बाल अधिकार चैंपियन बनाने के लिए 12 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जयंती) पर एक प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ किया। स्कूली छात्रों, छात्रावासों में रहने वाले बच्चों, बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रहने वाले बच्चों और बेघर बच्चों से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से इस प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए बच्चों की व्यापक भागीदारी को आमंत्रित किया गया है। यह बच्चों को उनके अधिकारों के लिए सशक्त बनाने का मंच है, जहां प्रश्नोत्तरी में उन सभी विषयों को शामिल किया गया है, जिन्हें जानना बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।

इस प्रश्नोत्तरी का शुभारंभ करते हुए एनसीपीसीआर के अध्‍यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने कहा कि इस प्रश्नोत्तरी को लॉन्च करने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस से बेहतर कोई और दिन हो ही नहीं सकता। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने हमें यह संदेश दिया था कि ज्ञान और अद्यतन जानकारी के माध्यम से स्वयं को जागरूक और सशक्त बनाकर एक आदर्श समाज की रचना की जा सकती है। इसी से प्रेरणा लेते हुए हमने देश में बच्चों के बीच बाल अधिकार चैम्पियन बनाने का निर्णय लिया है, जो बाल अधिकार जागरूकता के इस अभियान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे और सशक्त होकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा न्यू इंडिया के लिए किए जा रहे प्रयासों में आयोग का यह प्रयास, एक छोटा सा योगदान है, ताकि देश में पूर्णतया बच्चों के अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके।

प्रश्नोत्तरी में पूछे गए प्रश्न बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होंगे। यह अपनी तरह का पहला विशाल कार्यक्रम है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। इसमें प्रतिभागी न केवल अपना ज्ञान बढ़ा सकेंगे, बल्कि इसके माध्यम से देश भर के बच्चों के बीच बाल अधिकारों पर चर्चा का वातावरण तैयार होगा।

प्रश्नोत्तरी को आयु वर्गों के अनुसार विभाजित किया गया है और विद्यार्थी अपने आयु वर्ग के अनुसार प्रश्नोत्तरी में भाग लेंगे। एनसीपीसीआर की वेबसाइट www.ncpcr.gov.in पर बाल अधिकारों से संबंधित विभिन्न विषयों (लिंक; https://ncpcr.sov.in/champions ) के तहत प्रश्नोत्तरी के लिए एक लिंक प्रदान किया गया है, जहां बच्चे अपने आयु वर्ग के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन भाग ले सकते हैं। प्रश्नोत्तरी में जे जे अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम, आरटीई अधिनियम और बाल श्रम अधिनियम, स्कूल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, यौन हिंसा और अन्य हिंसा, बाल विवाह, स्वास्थ्य और पोषण सहित बाल अधिकारों पर बुनियादी प्रश्नों को कवर करने वाले सैकड़ों प्रश्नों का एक प्रश्न बैंक है। इसमें प्रतिभागी बच्चों को सभी विषयों के 10 प्रश्नों का प्रश्न पत्र दिया जाएगा। सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर भी दिए जाएंगे, जिसमें से प्रतिभागियों को सही उत्‍तर का चुनाव करना होगा।

जो बच्चे इंटरनेट से जुड़े हुए नहीं हैं या जिनके पास ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी का उपयोग करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं हैं, उन बच्चों के लिए इस प्रश्नोत्तरी को सुलभ बनाने के लिए ऑफलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। डिजिटल डिवाइड के लिए लिंक पर एक अलग विंडो खुल जाएगी और वहां से स्कूल के प्रधानाचार्य, सीसीआई अधीक्षक और डीसीपीओ प्रश्नोत्तरी सेट डाउनलोड कर बच्चों के बीच उसका वितरण कर सकते हैं। विद्यार्थियों द्वारा इस प्रश्नोत्तरी को भरने के बाद इसे स्कैन करके लिंक पर अपलोड किया जा सकता है। आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रश्नोत्तरी का लिंक राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जयंती) से 28 फरवरी तक ऑनलाइन रहेगा। ऑफलाइन माध्यम से प्रश्नोत्तरी में भाग लेने वाले बच्चों की सूची 20 फरवरी 2023 तक आयोग को जमा करनी होगी।

प्रश्नोत्तरी में भाग लेकर जब बच्चा ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से प्रश्नोत्तरी पूरी कर लेता है, तो बच्चे को भागीदारी का डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा। ऑफलाइन मोड से प्रश्नोत्तरी में भाग लेने वाले बच्चों की सूची संबंधित अधिकारियों से प्राप्त की जाएगी और उन्हें बाल अधिकार चैंपियन में भागीदारी का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही इस प्रश्नोत्तरी में सर्वाधिक भागीदारी करने वाले राज्यों को आयोग द्वारा स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि प्रश्नोत्तरी में बच्चों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई तथा राज्य शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जनजातीय कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक विभाग आदि जैसे केन्द्र सरकार के संस्थानों को पत्र लिखे जा चुके हैं।

आयोग के बारे में: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (इसके आगे आयोग के रूप में संदर्भित) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत देश में गठित एक वैधानिक निकाय है। आयोग को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्‍सो ) अधिनियम, 2012; किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करने का भी अधिकार है । सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत निर्धारित कार्यों में से आयोग को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए वर्तमान में लागू किसी भी कानून द्वारा या उसके तहत प्रदान की गई सुरक्षा की जांच और समीक्षा करना और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपायों की सिफारिश करने का कार्य सौंपा गया है। आयोग के पास सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 और नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत मुकदमे की सुनवाई करने वाली दीवानी अदालत की शक्तियां भी हैं।