सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने अपना दूसरा स्थापना दिवस मनाया
सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली ने 13 जनवरी 2023 को अपना दूसरा स्थापना दिवस मनाया। एनआईएससीपीआर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की मौलिक प्रयोगशाला है। सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सीएसआईआर के दो संस्थानों सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और सूचना संसाधन संस्थान (सीएसआईआर-निस्केयर) तथा राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान (सीएसआईआर-निस्टैड्स) के विलय के साथ 14 जनवरी 2021 को अस्तित्व में आया था। तब से, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर लगभग 100 वर्षों की समृद्ध विरासत और तत्कालीन संस्थानों की एक मजबूत अंतर्निहित क्षमताओं का उपयोग करते हुए, विज्ञान नीति अनुसंधान और विज्ञान संचार के क्षेत्र में विश्व स्तर पर सम्मानित संस्थान बनने की दिशा में अपने कार्यों को निर्देशितकरने में सक्षम रहा है। अपने प्रयासों के माध्यम से नए संस्थान ने विभिन्न हितधारकों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटी और आई) नीति अध्ययन और विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, उद्योग और समाज के इंटरफेस पर एक सेतु के रूप में कार्य किया है।
स्थापना दिवस समारोह में सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवालने अपने स्वागत भाषण में एनआईएससीपीआर की शक्ति और समृद्ध विरासत की चर्चा की। उन्होंने कहा, “हमें अपनी गतिविधियों को समाज के लिए वास्तविक, स्पष्ट और उपयोगी बनाने के लिए उनमें तेजी लाते रहना चाहिए।”
आईआईटी बॉम्बे में भौतिकी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर और सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बी.एन. जगतापने स्थापना दिवस व्याख्यान दिया। उन्होंने अंग्रेजी शिक्षा कानून 1835 से लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तक भारतीय शिक्षा प्रणाली के विकास का चित्रण किया। उनका व्याख्यान विचारोत्तेजक होने के साथ-साथ प्रेरक भी था।
इस विशेष अवसर पर, कई वैज्ञानिक प्रकाशन जारी किए गए। जर्नल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (जेएसआईआर) का विशेष अंक ‘इंडस्ट्री 4.0: ए वे फॉरवर्ड फॉर सेल्फ-रिलायंस एंड सस्टेनेबिलिटी’ पर केंद्रित था। टीआरएल असेसमेंट बुलेटिन, समारोह के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रश्नोत्तरी: आजादी का अमृत महोत्सव’ नामक पुस्तक, ‘भारतीय परंपराओं का खजाना’ नामक फ्लिप-पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर स्वस्तिक फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा की गई। प्रतियोगिता का आयोजन वर्ष 2022 में किया गया था।
स्थापना दिवस समारोह के दौरान, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के पीएचडी छात्रों ने पोस्टर प्रस्तुति के माध्यम से अपने शोध और निष्कर्षों को प्रदर्शित किया। डॉ. योगेश सुमन, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।